Madhya Pradesh

स्कूल शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय टॉस्क फोर्स, प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हो रहा है प्रभावी क्रियान्वयन

भोपाल
प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति वर्ष-2020 का स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रतापसिंह की अध्यक्षता में क्रियान्वयन के लिये राज्य स्तरीय टॉस्क फोर्स का गठन किया गया है। इसके साथ ही नई शिक्षा नीति में अध्यायवार राज्य स्तरीय समितियों का भी गठन किया गया है। अधिकारियों, प्राचार्यों और शिक्षकों को न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर केन्द्रित ऑनलाइन उन्मुखीकरण प्रशिक्षण दिया गया है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी ट्रेकर के साथ क्रियान्वयन की नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है।

प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा
प्रदेश में वर्ष 2024-25 की वार्षिक कार्य-योजना की स्वीकृति के आधार पर 4473 शालाओं में पूर्व प्राथमिक कक्षाएँ संचालित की जा रही हैं। इन शालाओं में आयु वर्ग समूह 3 से 6 के लगभग एक लाख बच्चे दर्ज हैं। शालाओं में उपलब्ध अतिरिक्त शिक्षक और कक्षा-1 और 2 को पढ़ाने वाले शिक्षकों द्वारा प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। पूर्व प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों को पीएम पोषण उपलब्ध कराने के लिये शिक्षा पोर्टल पर प्रावधान किया गया है। प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) से संबंधित 170 मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षित किये गये हैं। नर्सरी, के.जी.-I और के.जी.-II के बच्चों के लिये वर्क-बुक भाग-1, 2 और 3 और उनके मूल्यांकन के लिये समग्र प्रगति पत्रक तैयार किये गये हैं। इन बच्चों के भाषा और संज्ञानात्मक विकास के लिये 10 विषयों पर पोस्टर तैयार किये गये हैं। पहले चरण में प्रदेश की 18 हजार 650 आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया था। दूसरे चरण में करीब 40 हजार आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिलाया गया है। प्रशिक्षण के बाद आँगनवाड़ी कार्यकर्ता बच्चों की दक्षता के साथ देखभाल, अक्षर और भाषा का ज्ञान दे रही हैं।

मिशन अंकुर का क्रियान्वयन
प्रदेश में कक्षा-1 एवं 2 की विषयवार अभ्यास पुस्तिकाएँ और शिक्षक मार्गदर्शिका तैयार कर बच्चों एवं शिक्षकों को उपलब्ध करायी गयी हैं। प्राथमिक कक्षाओें के लिये विभाग द्वारा लर्निंग किट तैयार कर शालाओं को उपलब्ध करायी गयी हैं। राज्य में खेल आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये जादुई पिटारा प्रदाय किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।