महाकाल मंदिर में 17 फरवरी से शिव विवाहोत्सव की शुरुआत, आरती दोपहर 1 बजे और संध्या पूजन 3 बजे से
उज्जैन
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवनवरात्रि के अवसर पर पूजन व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। 17 फरवरी से प्रारंभ हो रहे नौ दिवसीय शिवनवरात्रि पर्व के दौरान भोग आरती का समय सुबह 10:30 बजे से बदलकर दोपहर 1 बजे कर दिया गया है।
यह क्रम नौ दिन रहेगा। महाशिवरात्रि पर्व के दिन रात्रि में महानिशा काल में रात्रि पर्यंत विविध प्रकार से भगवान महाकाल की पूजा होगी। 27 फरवरी को तड़के 4 बजे भगवान को सप्तधान मुखारविंद धारण करवाकर उनके शीश पर सवा मन फल व फूलों से बना मुकुट धारण करवाया जाएगा। इसके बाद सुबह 11 बजे से सेहरा उतारने के बाद वर्ष में एक बार दोपहर में भस्म आरती होगी।
वहीं भस्म आरती के बाद दोपहर में ही भगवान को भोग अर्पित कर आरती होगी। इसी दिन मंदिर के पुजारी-पुरोहितों को मंदिर समिति द्वारा पारणा करवाया जाएगा।
कोटितीर्थ कुंड व रुद्रयंत्र की सफाई कार्य शुरू होगा
महाशिवरात्रि की तैयारियों के तहत कोटितीर्थ कुंड की विशेष सफाई की जाएगी। कुंड से पानी निकालकर काई हटाई जाएगी और नया जल भरा जाएगा। मंदिर के गर्भगृह में स्थित चांदी के रुद्र यंत्र, जलाधारी और दरवाजों की सफाई व पॉलिश की जाएगी। शिखर की रंगाई-पुताई के साथ स्वर्ण शिखरों को भी चमकाया जाएगा। पर्व से पूर्व संपूर्ण मंदिर परिसर की विशेष सफाई की जाएगी।
बैठक में श्रद्धालुओं की प्रवेश तथा निर्गम व्यवस्था, भस्मार्ती में श्रद्धालुओं के प्रवेश संबंधी व्यवस्था, पुजारी/पुरोहित/साधु-संतों/मीडिया कर्मियों की प्रवेश व्यवस्था, श्री महाकालेश्वर मंदिर में आगंतुक श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उज्जैन शहर में चारो ओर से आने वाले मार्गो के चयनित स्थानों पर अस्थाई रूप से वाहन पार्किंग की व्यवस्था, बसो की व्यवस्था, अस्थाई हाॅस्पिटल, पेयजल, सेंट्रलाईज्ड पी.ए. सिस्टम आदि की व्यवस्था की जाना है। आगंतुक श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर समिति द्वारा अस्थाई रूप से मंदिर परिक्षेत्र के चारो ओर चयनित स्थानों पर पूछताछ एवं खोया-पाया केन्द्र स्थापित किए जाऐगें।
आगन्तुक श्रद्धालु सरलता से अपने पदवेश व्यवस्थित रूप से रख कर दर्शन उपरांत पुनः सरलता से प्राप्त कर सके, इस हेतु पूर्व वर्षानुसार चिन्हित निर्धारित स्थानों पर अस्थाई जूता स्टेण्ड का संचालन मुख्य कार्यपालन अधिकारी उज्जैन विकास प्राधिकरण उज्जैन के माध्यम से किया जाना हैं।
महाशिवरात्रि पर्व 2025 के उपलक्ष्य पर सम्पूर्ण मंदिर आंतरिक एवं एवं बाह्य परिक्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में फ्लेक्स एवं दिशा सूचक बोर्ड की व्यवस्था श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा की जावेगी। महाशिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालुओं की अत्यधिक संख्या को दृष्टिगत रखते हुए चयनित स्थानों पर नगर पालिक निगम उज्जैन द्वारा अस्थाई फायर स्टेशन स्थापित किए जाना है।आगन्तुक दर्शनार्थियों को लड्डू प्रसाद उपलब्ध कराने हेतु श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा विभिन्न स्थानों पर लड्डू प्रसाद काउण्टर पहले से अधिक संख्या में स्थापित किये जायेगे।
बैठक में दीनदयाल रसोई योजना के संचालन के अंतर्गत उज्जैन शहर में निवासरत गरीब, भिक्षुक, असहाय, निःशक्तजन एवं ऐसे व्यक्ति जो स्वयं भोजन का प्रबंध करने में असमर्थ है, को श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर जी का निःशुल्क भोग/भोजन प्रसाद उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया, जिसके अंतर्गत नगर पालिक निगम उज्जैन द्वारा शहर के 06 स्थानों पर स्थापित भोजन केन्द्र में 500 व्यक्ति प्रति भोजन केन्द्र पर कुल 3000 व्यक्तियों के लिए भोजन पहुंचाया जाएगा। पूर्व में भी श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा दीन दयाल रसोई योजना के अंतर्गत सेवाएं दी जाती रही है, जिन्हे पुनः प्रारंभ किया गया।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में दान एवं भेंट के माध्यम से प्राप्त स्वर्ण एवं रजत सामग्री का त्वरीत मूल्यांकन कर सामग्री पर क्यू.आर. कोडिंग की जावेगी।पं. श्री सूर्यनारायण व्यास अतिथि निवास एवं जे.के. सीमेंट द्वारा नवनिर्मित अतिथि निवास में लाईट चली जाने पर आरक्षित कक्षो में 01 पंखा एवं 01 टयूब लाईट चालु रहे इस हेतु प्रचलित निर्माण कार्यो के अंतर्गत ही डी.जी. सेट (जनरेटर) स्थापित करवाए जाएंगे, साथ ही दोनो अतिथि निवास में 01 पेन्ट्री संचालित करने का निर्णय लिया गया।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा त्रिवेणी संग्रहालय के सम्मुख श्री महाकाल अतिथि निवास का निर्माण कराया गया है, जिसमें वर्तमान में बेसमेंट में पार्किंग एवं ग्राउण्ड फ्लोर पर 09 कक्ष निर्मित है, जो कि वर्तमान परिदृश्य को दृष्टिगत रखते हुए पर्याप्त नहीं है। सिंहस्थ 2028 को दृष्टिगत रखते हुए श्री महाकाल अतिथि निवास के ऊपर 04 फ्लोर (जी+04) का निर्माण कराए जाने पर सहमति व्यक्त की गई। यह निर्माण दानदाता के माध्यम से या मंदिर प्रबंध समिति स्वयं करेगी।
मंदिर समिति के वाहन बोलेरो, टाटा मेजिक लोडिंग वाहन एवं मारूति वेन लगभग 15 से 20 वर्ष पुराने होने के कारण वर्तमान में उपयोग में नहीं लिए जा सकते है, जिन्हे आर.टी.ओ. के माध्यम समिति बनाकर अपलेखित (हटाने) किए जाने का निर्णय लिया गया।