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देखिए सर्वे में जनता की राय : छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार कितना बड़ा मुद्दा? लोग क्यों चाहते हैं #ED डा. रमन पर लगे आरोपों की भी जांच करे…

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इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव महज छह माह की अवधि शेष है। ऐसे समय में मौजूदा सरकार के कामकाज और ईडी के छापों के बाद बने माहौल में जनता क्या सोच रही है? यह जानने के लिए एक सर्वे करवाया गया था। जिसमें दस सवाल दिए गए थे। इन सवालों को लेकर दस दिन पहले चार अप्रेल को गुगल फार्म के लिंक सीधे आम पाठकों को शेयर किए गए थे। इस सर्वे में आपकी बड़ी संख्या में भागीदारी ने सर्वे की प्रामाणिकता को बल दिया है। इसके लिए हम आपके शुक्रगुजार हैं। (This survey organize by hyreusinfra)

सवाल दर सवाल जनता के जवाब…

क्या छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के मामलो को लेकर की जा रही कार्यवाही से सरकार की छवि पर प्रभाव पड़ेगा?

इस सवाल के जवाब में 63 प्रतिशत पाठकों की राय यही है कि इससे सरकार की छवि प्रभावित होगी। जबकि 20.5 प्रतिशत का मानना है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। और 16.4 प्रतिशत की राय यही रही कि वे कह नहीं सकते!

प्रवर्तन निदेशालय #ED की कार्यवाही को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आरोप कि यह राजनैतिक है? यह सही है।

इसके जवाब में 49.3 प्रतिशत मुख्यमंत्री के इस आरोप से सहमत दिख रहे हैं। 38.4 प्रतिशत का मानना है कि उन्हें नहीं लगता कि इन छापों की कोई राजनैतिक वजह है। और 2.3 प्रतिशत पाठकों ने अनभिज्ञता जताई है।

क्या छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही केंद्र सरकार के इशारे पर की जा रही है?

हमने पहले वाले सवाल को ही थोड़ा घुमाते हुए पाठकों की राय जानने की कोशिश की इसमें रोचक बात यही रही कि 51.4 प्रतिशत लोगों की राय हां में आई है। यानी लोग यह साफ तौर पर मान रहे हैं कि छापों के पीछे केंद्र सरकार का हाथ है। जबकि 36.5 प्रतिशत की राय में इसमें केंद्र सरकार की कोई इशारा नहीं है। जबकि 12.2 प्रतिशत लोगों की राय में वे नहीं कह सकते।

क्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छवि इस कार्यवाही से प्रभावित होगी?

पूर्व के तीन सवालों का सार समझने के लिए यह सवाल किया गया। इसमें 64 प्रतिशत पाठकों की राय यही है कि इन छापों से भूपेश बघेल की छवि प्रभावित हो रही है। जबकि 21.3 प्रतिशत ऐसा नहीं मानते और 14.7 प्रतिशत ने अपने स्पष्ट राय देने में अनभिज्ञता जताई है।

छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह पर कांग्रेस के आरोपों की जांच ईडी को करनी चाहिए?

इस सवाल के माध्यम से हमने यह जानने का प्रयास किया कि राज्य सरकार जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को भ्रष्टाचार के मामले में निशाने पर ले रही है इसे लेकर आम जनों के बीच क्या सोच बन रही है? इसका जवाब बेहद चौंकाने वाला आया है। 71.1 प्रतिशत पाठकों की राय यही है कि वे चाहते हैं कि ईडी को डा. रमन सिंह पर लगाए जा रहे आरोपों की जांच करनी चाहिए। जबकि केवल 9.2 प्रतिशत ने ही डा. रमन सिंह की ईडी जांच नहीं करने का स्पष्ट मत दिया है। वहीं 19.7 प्रतिशत पाठकों की राय में वे कह नहीं सकते जांच हो या ना हो…

छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार

चूंकि सवाल ईडी के छापों से जुड़ा है और इसे लेकर जनता की राय जानने की कोशिश की गई तो यह जानना भी जरूरी हो गया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान सरकार और पूर्व सरकार के काम काज में भ्रष्टाचार को लेकर जनमानस का विचार कैसा है? तो इसमें जिस तरह की राय सामने आई है इसे छत्तीसगढ़ की मौजूदा सरकार के लिए खतरे की घंटी मानना चाहिए। क्यों कि 46.8 प्रतिशत की राय यही है कि भ्रष्टाचार बढ़ा है। और 36.4 प्रतिशत जनता मान रही है कि वर्तमान सरकार में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समान भ्रष्टाचार है। यानी करीब 83 प्रतिशत जनता की राय में भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा दिखाई दे रहा है। केवल 5.2 प्रतिशत की राय में भ्रष्टाचार है ही नहीं। और 11.7 प्रतिशत की राय में वे इसे लेकर अनभिज्ञ हैं।

छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के कार्यकाल में चिटफंड कंपनियों के मामलों के साथ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच ईडी को करना चाहिए?

यह सवाल एक बार फिर जनता के सामने पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को लेकर रायशुमारी करने की कोशिश की। 71.1 प्रतिशत ने साफ तौर पर कहा कि चिटफंड कंपनी के मामलों के साथ भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह की जांच ईडी को करनी चाहिए। केवल 11.8 प्रतिशत की राय में वे जांच के खिलाफ हैं और 17.1 प्रतिशत की राय में वे नहीं समझ पा रहे कि जांच हो या ना हो।

छत्तीसगढ़ में आम जनता से जुड़े काम पिछली भाजपा सरकार के मुकाबले

इस सवाल के माध्यम से हमने यह जानने का प्रयास किया कि मौजूदा राज्य सरकार और पूर्व सरकार के बीच अब चार साल बाद आम जनों में किस तरह की राय कायम हुई है। इसके जवाब में बेहद कम अंतर है 39 प्रतिशत की राय में काम पहले से आसान हुए और 32.5 प्रतिशत की राय में कोई काम नहीं हो रहा है। जबकि 11.7 प्रतिशत लोगों की राय यह है कि काम करना कठिन हुआ है। 16.9 प्रतिशत ने अनभिज्ञता जताई है।

छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार से आप

इस सवाल के माध्यम से हमने एक बार फिर जनता की नब्ज को समझने की कोशिश की कि वे सरकार से खुश हैं या नहीं? तो जवाब फिर बेहद कम अंतर वाला दिखाई दिया। 38.2 प्रतिशत की राय में सरकार के कामकाज से वे खुश हैं। 26.3 प्रतिशत नाराज हैं और 30.3 प्रतिशत ने माना है कि सुधार की जरूरत है। वहीं करीब 5 प्रतिशत ने अपनी राय स्पष्ट नहीं की।

आगामी चुनाव में कौन सा मुद्दा प्रमुख होगा?

इस सर्वे का सबसे प्रमुख सवाल आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान जनता की प्राथमिकता को समझने को लेकर था। जिसके जवाब चौंकाते हैं 28.2 प्रतिशत की राय में आगामी चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा प्रमुख होगा और 32.1 प्रतिशत की राय में मौजूदा सरकार की छवि सबसे बड़ा आधार होगी। 23.1 प्रतिशत लोगों का मत यही है कि शासन की योजनाएं चुनाव के दौरान प्रमुख होंगी और 16.7 प्रतिशत की राय में प्रत्याशी का चेहरा विधानसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दा होगा।