ई संवर्ग के प्रमोशन में फिर फंसा पेंच : सीधी भर्ती और प्रमोशन के रिक्त पदों की पूर्ति नियमानुसार नही होने का मामला…
इम्पैक्ट डेस्क.
जगदलपुर। बस्तर संभाग में प्रमोशन के मामले में एक बार फिर से अनियमितता का मामला सामने आया है। प्रमोशन और सीधी भर्ती के रोस्टर का पालन नहीं किये जाने से संभाग में स्कूल शिक्षक विभाग में ई-संवर्ग के करीब 250 सहायक शिक्षकों को पदोन्नति से वंचित होना पड़ा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा वन टाइम रिलेक्सेशन के तहत एलबी संवर्ग के शिक्षको को पदोन्नति का महत्वपूर्ण फैसला लिया गया था। जिसके अंतर्गत प्राथमिक स्कूलों में प्रधान अध्यापक तथा पूर्व माध्यमिक शालाओं में उच्च श्रेणी शिक्षक तथा मिडिल स्कूल प्रधान अध्यापक के रिक्त पदों पर टी तथा ई संवर्ग के शिक्षको को पदोन्नति प्रदान की गई। जिसके अंतर्गत पूर्व माध्यमिक शाला में शिक्षक के उ श्रे शिक्षक पद पर टी -संवर्ग से 2443 रिक्त पदों पर तथा ई-संवर्ग के 51 रिक्त पदों पर पदोन्नति हेतु संयुक्त संचालक कार्यालय शिक्षण संभाग बस्तर के द्वारा सूची जारी की थी तथा उक्त पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही पूर्ण की गई। यहाँ पर ई संवर्ग और टी-संवर्ग के पदों में भारी अंतर परिलक्षित है। इस संबंध में संबंधित विभाग द्वारा बताया गया कि ई-संवर्ग के पद रिक्त नही होने के कारण टी-संवर्ग के अपेक्षाकृत कम शिक्षको की पदोन्नति की जा रही है।
गौरतलब हो कि वर्तमान में डीपीआई द्वारा प्रदेश के बस्तर तथा सरगुजा संभाग में सहायक शिक्षक, शिक्षक तथा व्याख्याता भर्ती के लिए छग व्यापम के माध्यम से 06 मई2023 से आवेदन आमंत्रित किये गये है। जिसमें पदों के आंकड़े देखकर ई-संवर्ग के सहायक शिक्षको के होश उड़ गये है। डीपीआई और व्यापम के भर्ती विज्ञापन के अनुसार बस्तर संभाग में ई- संवर्ग के मिडिल स्कूल के शिक्षकों के लिए 537 पदों पर आवेदकों से आवेदन आमंत्रित किये गए है। भर्ती विज्ञापन प्रकाशित कोने के बाद से ई-संवर्ग के सहायक शिक्षको में भारी रोष व्याप्त है और वे इस संबंध में कार्यालयों के चक्कर काटते नजर आ रहे है। उनका कहना है कि जब प्रमोशन के लिए विभाग में ई-संवर्ग के लिए पद नही था और तो फिर आज सीधी भर्ती के लिए 537 पद कहाँ से रिक्त गये।
छग टीचर्स एसोसिएशन ने कहा है कि अधिकारी की लापरवाही और पदों की विसंगतिपूर्ण गणना के कारण ई-संवर्ग के लगभग 250 सहायक शिक्षको को पदोन्नति से वंचित होना पड़ा है, आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?
विदित हो कि छग स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती अधिनियम 2019 के अनुसार सीधी भर्ती तथा पदोन्नति 50-50 प्रतिशत के अनुपात में किये जाने का नियम है। जिसका बस्तर संभाग में पालन नही हो रहा है। इस विसंगति के कारण ई संवर्ग के सीनियर सीनियर शिक्षकों के मुकाबले टी संवर्ग के करीब 2 वर्ष तक जूनियर शिक्षकों की पदोन्नति हो गई है। जिसके कारण शिक्षको में खासा रोष व्याप्त है। बहरहाल मामला जांच का विषय है, आखिर इतनी बड़ी विसंगति का कारण क्या है?
एक तरफ ई संवर्ग के सहायक शिक्षको को पद नही होना बताकर प्रमोशन नही देना और दूसरी तरफ भारी भरकम पदों पर सीधी भर्ती किया जाना, कहीं न कहीं तो गड़बड़ी हुई है। शासन को नियमानुसार 50 प्रतिशत पदों पर पहले पात्र शिक्षको को पदोन्नति दी जानी चाहिए तत्पश्चात रिक्त पदों पर भर्ती की जानी चाहिये।
– प्रवीण श्रीवास्तव, प्रदेश उपाध्यक्ष, छग टीचर्स एसोसिएशन
संयुक्त संचालक कार्यालय द्वारा सहायक शिक्षको को ई-संवर्ग के सहायक शिक्षकों के सौतेला पूर्ण व्यवहार कर प्रमोशन से वंचित किया जा रहा है। इसे बर्दास्त नही किया जाएगा। तत्काल वंचित शिक्षको को नियमानुसार प्रमोशन दिया जाए अन्यथा उग्र आंदोलन किया जाएगा।
– ऋषिदेव सिंह, कोंडागांव जिलाध्यक्ष, छग टीचर्स एसोसिएशन
विभाग के राजपत्र में सीधी भर्ती तथा पदोन्नति के लिए 50-50 प्रतिशत का रेसियो निर्धारित है। जिसका पालन नही हो रहा है। शासन 2019 के बाद 2023 में दूसरी बार सीधी भर्ती करने जा रही है, वही पदोन्नति एक ही बार दी गई, वह भी विसंगतिपूर्ण। तत्काल त्रुटियों को सुधारा जाए और वंचित 250 सहायक शिक्षकों को पदोन्नत किया जाये।
– तुलदास मानिकपुरी, बस्तर जिलाध्यक्ष, छग पिछड़ा वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ
ई-संवर्ग के शिक्षकों के साथ विभाग की कार्यप्रणाली स्वीकार्य नही है। शासन के भर्ती तथा पदोन्नति नियमो का पालन नही करने के कारण सैंकड़ो शिक्षकों को पदोन्नति से वंचित होना पड़ रहा है। विभाग जल्द से जल्द त्रुटियों को सुधार करे अन्यथा शिक्षक हित मे संघ कड़े कदम उठाने बाध्य होगा।
– वाजिद खान, प्रदेश संयोजक
अधिकारी की लापरवाही और पदों की विसंगतिपूर्ण गणना के कारण ई-संवर्ग के लगभग 250 सहायक शिक्षको को पदोन्नति से वंचित होना पड़ा है, आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?
– राजेश गुप्ता, बस्तर जिलाध्यक्ष, छग टीचर्स एसोसिएशन