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जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए गरीब देशों को 100 अरब डॉलर दें अमीर देश : भारत…

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Impact desk.

भारत ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से लड़ने के लिए अमीर देशों को सौ अरब डॉलर का अनुदान गरीब देशों को देना चाहिए। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा है कि गरीब देशों को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियो से लड़ने के लिए 100 अरब डॉलर से ज्यादा की मदद चाहिए। संयुक्त राष्ट्र की क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस (COP26) में इस महीने जलवायु परिवर्तन पर अहम विमर्श होना है। 

यूएन के सम्मेलन से पहले अमीर देशों पर जलवायु परिवर्तन के लिए अहम वित्तीय कदम उठाने का दबाव लगातार बढ़ रहा है। साल 2009 में दुनिया के सबसे धनी देशों ने सालाना सौ अरब डॉलर देने का वादा किया था ताकि गरीब देश, जो जलवायु परिवर्तन के लिए सबसे कम जिम्मेदार हैं, इन चुनौतियों का सामना कर सकें। हालांकि यह वादा कभी पूरा नहीं हुआ।

भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा सौ अरब डॉलर से कहीं ज्यादा मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा, “ये जो सौ अरब डॉलर की बात आधुनिक अर्थव्यवस्थाएं जलवायु वित्त के नाम पर कर रहे हैं, असल में समुद्र में एक बूंद बराबर हैं। मुझे लगता है कि उनका योगदान कहीं ज्यादा होन चाहिए।

वैसे भारत ने अब तक कार्बन उत्सर्जन करने के लिए अब तक कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है। यानी, उसने अब तक नहीं बताया है कि वह किस साल तक देश में कार्बन उत्सर्जन का स्तर शून्य कर लेगा। चीन ने 2060 तक अपने कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने का वादा किया है जबकि अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि उनका देश 2030 तक अपने कार्बन उत्सर्जन को 50-52 प्रतिशत तक कम करके 2005 के स्तर पर ले जाएगा। 

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