प्रदेश में आज से आवश्यक सेवाओं के दाम बढ़े, 300 यूनिट बिजली पर 74 रुपए ज्यादा देने होंगे, प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री 26% तक महंगी
भोपाल
नए वित्त वर्ष के पहले ही दिन से मध्य प्रदेश में लोगों पर महंगाई की मार पड़ने जा रही है। राजधानी भोपाल में जहां प्रॉपर्टी महंगी हुई है, वहीं प्रदेश में बिजली के दाम में औसत बढ़ोतरी 3.46 पैसे हुई है।
इसी तरह अगर आप राष्ट्रीय राजमार्ग पर सफर करने जा रहे हैं तो अब आपको ज्यादा टोल टैक्स देना होगा। यहां पढ़िए 1 अप्रैल 2025 से लागू हुए नियमों के बारे में।
टोल टैक्स: 1 अप्रैल से दरें होगी लागू, राजमार्ग पर सफर महंगा
30 मार्च की देर रात विद्युत नियामक आयोग ने नोटिफिकेशन जारी कर बिजली की दरों में 3.46 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। तीन साल में नियामक ने 2 बार बिजली के दाम बढ़ाए हैं। अब घरेलू और कमर्शियल बिजली उपभोक्ताओं को एक यूनिट बिजली के दाम 3.46 प्रतिशत ज्यादा देने होंगे।
इसके साथ ही राजधानी भोपाल में कलेक्टर ने 1800 से ज्यादा इलाकों में प्रॉपर्टी के रेट बढ़ा दिए हैं। वहीं, भोपाल नगर-निगम पानी के ज्यादा पैसे वसूलने की तैयारी कर रहा है। इंदौर-देवास हाईवे के टोल टैक्स में भी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने वृद्धि कर दी है।
इस बढ़ोतरी से आम आदमी की जेब पर क्या असर पड़ेगा? बिजली के अलावा और क्या-क्या महंगा हुआ? पढ़िए, ऐसे सभी सवालों के जवाब…
बिजली कीमतों में क्या बदलाव हुए हैं? राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए टैरिफ ऑर्डर जारी कर दिया। बिजली दरों में औसत 3.46% का इजाफा किया गया है यानी बिजली उपभोक्ताओं को हर यूनिट पर 18 पैसे ज्यादा चुकाने होंगे। यह इजाफा घरेलू और कमर्शियल दोनों तरह के उपभोक्ताओं के लिए हुआ है।
प्रदेश में 1 अप्रैल से नई टोल दरें लागू हो गई हैं। जहां सभी प्रकार के वाहनों को 5 से 25 रुपये तक अधिक टोल देना होगा। एक तरफ का टोल कार सहित अन्य फोर व्हीकल 100, हल्के वाहन 160, बस और ट्रक 340 और कमर्शियल वाहन 370 रुपये को चुकाना होगा।
अधिकारियों के मुताबिक जनवरी में भी टोल दरों में बदलाव किया था। तीन महीने के भीतर दरों में दूसरी मर्तबा बढ़ोत्तरी हुई है। एनएचएआइ ने कुछ स्थानों से गुजरने पर कार और हल्के वाहनों के लिए टोल टैक्स में वृद्धि नहीं की है, जिसमें मांगलिया टोल, मेठवाडा, माछलिया घाट शामिल है। इन वाहन चालकों पर आर्थिक रूप से बोझ नहीं बढ़ेगा। जबकि कमर्शियल और हेवी वाहनों को अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
महंगी बिजली: ई-रिक्शा चार्जिंग पर 24 पैसे यूनिट का भार
प्रदेश में बिजली के दाम में बढ़ोतरी से कोई भी क्षेत्र नहीं बचा है। मध्यमवर्गीय से लेकर ई-रिक्शा चालक तक इस बढ़ोतरी से सीधे प्रभावित होंगे। ई-रिक्शा में सबसे ज्यादा चार्जिंग की दर बढ़ाई गई है। मौजूदा दर से 24 पैसे महंगी बिजली की गई है। इसके अलावा उच्च दाब उपभोक्ता श्रेणी में भी 26 पैसे तक बिजली के दाम बढ़े हैं।
एक बिजली बिल में खपत के अतिरिक्त कितने चार्ज जुड़ते हैं? बिजली बिल में एनर्जी चार्ज, फिक्स चार्ज, फ्यूल कॉस्ट, ड्यूटी चार्ज जुड़ते हैं। बिजली की दरों में वृद्धि के अनुपात में ही बाकी सारे चार्ज बढ़ते-घटते हैं। नियामक आयोग ने फिक्स चार्ज को खत्म कर दिया है।
100 यूनिट का 100 रुपए बिल वाली योजना पर क्या असर पड़ेगा? मध्यप्रदेश में 1 करोड़ से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को सरकार 150 यूनिट पर सब्सिडी देती है। अटल गृह ज्योति योजना के दायरे में आने वाले 100 यूनिट मासिक बिजली खपत वाले उपभोक्ताओं से भी 24 रुपए का अतिरिक्त बिल लिया जाना है, लेकिन फिलहाल उपभोक्ताओं को 100 रुपए ही देने होंगे। 24 रुपए सरकार भरेगी। 150 यूनिट तक के खपत की तब भी शुरुआती 100 यूनिट के 100 रुपए ही भुगतान करने पड़ेंगे।
बिजली उपभोक्ताओं को क्या कोई राहत भी मिलेगी? हां। निम्न दाब उपभाेक्ताओं (घरेलू उपभोक्ता या जिन्हें लो टेंशन केबल यानी 230 से 400 वोल्टेज लाइन से बिजली सप्लाई होती है) और मौसमी उच्च दाब उपभोक्ताओं (कमर्शियल उपभोक्ता या जिन्हें हाई टेंशन केबल 11000 वोल्टेज लाइन से बिजली सप्लाई होती है) के मिनिमम चार्ज समाप्त किए गए हैं।
एक बिजली उपभोक्ता को उस घर या फैक्ट्री का भी बिल चुकाना पड़ता था, जिसमें कई माह से बिजली का उपयोग ही नहीं हो रहा था। अब इसे समाप्त कर दिया गया है।
स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को क्या लाभ मिलेंगे? स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक (8 घंटे) उपयोग की गई बिजली खपत पर 20% छूट देने की घोषणा की गई है। बाकी 16 घंटों में जितनी बिजली उपयोग करेंगे, उसका 10 प्रतिशत ज्यादा देना होगा।
ऐसा करने के पीछे बिजली कंपनी से जुड़े अफसर ने बताया कि गर्मियों में सौर पैनल बाकी मौसम की तुलना में अधिकतम क्षमता के साथ ज्यादा बिजली बनाते हैं, इसलिए दिन में छूट देने का प्रावधान किया है। स्मार्ट मीटर की लागत, संचालन, मेंटेनेंस और डाटा भेजने का खर्च टैरिफ में जुड़ जाएगा। इसके एवज में 10 साल तक किस्तों में 25 हजार रुपए वसूले जाएंगे।
आज से भोपाल के 1312 स्थानों पर प्रॉपर्टी 10 से 50 प्रतिशत महंगी
भोपाल जिले में पिछले दस सालों में तेजी से हुए विकास के साथ ही प्रॉपर्टी के दामों में भी बेहताशा वृद्धि की गई है। यह हम नहीं बल्कि पंजीयन विभाग के अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया गाइडलाइन 2025-26 का प्रस्ताव बता रहा है।
इसमें बीमाकुंज क्षेत्र में 10 साल में प्रॉपर्टी के दाम 10 गुना तक बढ़ गए हैं। यहां वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्रॉपर्टी के दाम 20 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर थे और अब वित्तीय वर्ष 2025-26 में डेढ़ लाख से दो लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर हो गए हैं।
शहर में सात स्थान ऐसे हैं जहां एक से चार लाख रुपये प्रति वर्गमीटर तक जमीनों के दाम हो गए हैं। साथ ही 1312 स्थानों पर आज से 10 से 50 प्रतिशत और उससे अधिक प्रॉपर्टी महंगी हो जाएगी।
जिनके घरों में स्मार्ट मीटर नहीं हैं, क्या उन्हें ये सुविधा नहीं मिलेगी? स्मार्ट मीटर के अलावा सामान्य ग्राहकों पर यह प्रावधान इसलिए नहीं लागू किया गया, क्योंकि उन मीटरों में हर घंटे यूनिट काउंट करने की सुविधा नहीं है। उन मीटरों से यह गिना नहीं जा सकता कि सुबह 9 से 5 तक कितनी यूनिट उपयोग की गई, लेकिन 1 अप्रैल के बाद स्मार्ट मीटर लगाते हैं तो यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। यह प्रावधान पूरे साल के लिए है।
किसानों पर क्या असर पड़ेगा? टैरिफ बढ़ने के बाद उपभोक्ताओं पर 20 पैसे प्रति यूनिट बोझ बढ़ा है। मध्यप्रदेश के 37 लाख किसानों को सरकार ने राहत दी है।
किसानों को कृषि पंप से 300 और 300 से 750 यूनिट या अधिक खपत पर 18 पैसे प्रति यूनिट अधिक देने होंगे। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया- किसानों को 750 रुपए प्रति हॉर्स पावर देने वाली राशि व नियामक आयोग की दरों का अंतर सरकार देगी। शासन 3 हॉर्स पावर पंप के लिए 28480 रुपए, 5 हॉर्स पावर पर 50921 और 10 हॉर्स पावर पंप पर 108155 रुपए सब्सिडी देगा। किसान वृद्धि दरों की 7% राशि देंगे बाकी 93% बतौर सब्सिडी शासन देगा।