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अब नया आडियो बम सुकमा जिले से… प्रति छात्र 50 रुपये वसूली की बात… सुनें क्या हो रही है बात…

शेख मकबूल। कोंटा।

बस्तर संभाग के दो जिलों में आदिवासी बच्चों के निवाले से करप्शन का आडियो सभी सुन चुके हैं। अब सुकमा जिले के छिंदगढ़ से नया आडियो बम सोशल मीडिया में तैर रहा है। इस आडियो को सीपीआई के छात्र संगठन ने कई वाट्सएप समूहों में जारी किया है। AISF के महेश कुंजाम ने इस आडियो को जारी करते हुए कहा “छात्रावास, आश्रमों मे अध्ययनरत आदिवासी छात्रों का खून चूस रहे है नेता – अधिकारी

कुंजाम का आरोप है कि सुकमा में छात्रवासीय छात्रों को मिलने वाली शिष्यवृत्ति राशि को सम्बन्धित अधिकारियों के व्दारा बंदरबांट करने का मामला सामने आया है। इसे लेकर कलेक्टर को शिकायत की गई है। जिसमें
जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई की मांग संगठन ने की है।

कुंजाम का कहना है कि “सुकमा जिले में लगातार छात्रावासों में अवैध रूप से वसूली अधीक्षकों से लेकर बीआरसी सीआरसी, मंडल संयोजक की नियुक्ति पर भी मोटी कमीशन लेकर लगाने की बात सामने आई थी। आज इसी प्रकार का अवैध वसूली छात्रावास, आश्रम, कोटाकेबिन में आदिवासी छात्रों की शिष्यवृत्ति, भोजन सहायक राशि मिलने वाला को वसूली कर विभागीय अधिकारियों द्वारा बंदरबांट करने की जानकारी ऑडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से सामने आया है।

कलेक्टर को अवगत कराते हुए यह गंभीर मामला को कार्रवाई करने की मांग की। यह कि सुकमा जिले के ब्लॉक छिन्दगढ़ का एक ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल हुआ है कि मंडल संयोजक द्वारा एक अधीक्षक को फोन के माध्यम से रिकवरी के नाम से दबाव बनाकर प्रति छात्र के पीछे 50 रूपया प्रतिमाह का मांगा जा रहा है।

सुकमा जिले में छात्रवासीय छात्र-छात्राएं आदिवासी विकास शाखा विभाग के अंतर्गत कुल मिलाकर लगभग दर्ज संख्या 13,000 से अधिक है। आवासीय पोटाकेबिन में लगभग दर्ज संख्या 8,500 से अधिक है। इन बच्चों का भविष्य के लिए करोड़ों राशि शासन से आती है। इससे साबित होता है कि आदिवासी छात्राओं के लाखों राशि को नेतागण, अधिकारीगण बंदरबांट कर आदिवासी छात्रों का पेट मारा जा रहा है। इसे तत्काल जांच कर विभागीय जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही किया जाए।

यह भी आरोप है कि छात्रावास, आश्रमों में ठेका के माध्यम से राशन समान वितरण किया जा रहा है। इसमें भी आदिवासी छात्रों को ही शोषण हो रहा है। यह कोई भी छात्रावास संस्थानों में ठेका प्रथा को तत्काल बंद किया जाए, तथा संस्था प्रभारी अधीक्षकों के अधीन कर दिया जाए ताकि अधीक्षक अपनी सुविधा अनुसार गुणवत्तापूर्ण राशन समान तथा हरी सब्जी भरोसा जा सके।

ठेका प्रथा के कारण बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं मिल रहा है, ऐसे गुणवत्ताहीन भोजन, दाल, सब्जी कीड़े पड़े नाश्ता परोसने का शिकायत विगत दिनों में लगातार प्रकाश में आया था। इसमें जिम्मेदार अधिकारी स्वयं बचने के लिए छोटे कर्मचारी अधीक्षकों को कार्यवाही किया जाता है। दूसरी और अधिकारी के सरंक्षण में सीधा जिले से ठेका के माध्यम से राशन समान संस्थानों में भेजा जाता है और अधीक्षकों से प्रतिमाह प्रति छात्र के पीछे 50 रूपया कमीशन वसूली कर रहे हैं।

AISF की मांग
यह कि छात्रावास, आश्रम, पोटाकेबिनों में मीनू चार्ट के अनुसार गुणवत्तापूर्ण भोजन परोसा जाए, तथा प्रतिमाह मेष चार्ज महीने के अंतिम में सूचना पटल पर चस्पा करना अनिवार्य कियाजाए।

ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन के द्वारा विगत दिनों में मूलभूत शैक्षणिक समस्याओं को लेकर दिनांक 18,19, 20/ 07/2024 को तीनों ब्लॉक स्तर में तथा दिनांक 24/0 7/ 2024को जिला मुख्यालय में धरना व रैली के माध्यम से ज्ञापन दिया गया था। अब तक कितना निराकरण हुआ हमारे संगठन को कोई जानकारी प्राप्त नहीं होने की जानकारी देते हुए कलेक्टर को अवगत कराया गया। उक्त समस्या को त्वरित संज्ञान में लेकर उचित कार्य करने की मांग की । इस अवसर पर एआईएसएफ के जिलाध्यक्ष जितेश सोड़ी, एआईवायएफ के राज्य उपाध्यक्ष राजेश नाग, जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र कश्यप, रामकुमार पोडियाम, मानका सोड़ी सहित संगठन प्रतिनिधिमंडल रहे।

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