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अखबार, पत्रकार और प्रशासन… जांजगीर जिले में 30 लाख के फर्जी विज्ञापन से उपजा विवाद… पत्रकार आंदोलित… प्रशासन ने कहा जाँच होगी…

इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर/जांजगीर—चांपा।

छत्तीसगढ़ के जांजगीर—चांपा जिले में आदिवासी विकास विभाग में एक काम के लिए हुए टेंडर के बाद बवाल मच गया है। प्रशासन का दावा है कि अखबारों में विज्ञापन छपा है। पत्रकार का दावा है कि उसके पास उसी दिन का अखबार है जिसमें विज्ञापन प्रकाशित नहीं है। पत्रकार का आरोप है कि प्रशासन ने फर्जी तरीके से अखबार छापकर टेंडर कर दिया है। मामला पत्रकारों के धरना प्रदर्शन तक आ पहुंचा है।

प्रदर्शन करते पत्रकार

शुक्रवार को जांजगीर जिले में पत्रकारों ने प्रदर्शन किया। जिसमें मुख्य तौर पर अखबार के फर्जी प्रकाशन का मामला छाया रहा। पत्रकारों ने एक ईमेल के जरिए सीजी इम्पेक्ट को प्रदर्शन से जुड़ा समाचार प्रेषित किया है जिसे जस का तस हम पाठकों को दे रहे हैं।  

आदिवासी विकास जांजगीर चांपा के संयुक्त संचालक पीसी लहरे द्वारा अवैध रूप से समाचार पत्र छापने को लेकर पत्रकारों द्वारा आज आयोजित एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन को लेकर जिले भर के पत्रकारों ने एकजुटता दिखाते हुए अपनी ताकत का अहसास कराया। स्वामी सुृरेन्द्रनाथ ने मौन भूख हड़ताल कर पत्रकारों की मांगों का समर्थन किया वहीं सूचना का अधिकार कार्यकर्ता एसोसिएशन, प्रेस क्लब चांपा, प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन, शिवसेना, प्रयास युवा संगठन, महाकाली संगठन, भव्य सेवा समिति सहित अनेक संगठनों ने अपना समर्थन दिया। अधिकारी पर कार्यवाही नहीं होने पर आंदोलन का विस्तार करते हुए 15 सितंबर से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
आदिवासी विकास जांजगीर चांपा के संयुक्त संचालक पीसी लहरे पर कार्यवाही की मांग को लेेकर बिसाहू दास महंत बालोद्यान के सामने आयोजित पत्रकारों का एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा, पत्रकारों द्वारा आयोजित इस धरना प्रदर्शन में जिला मुख्यालय के पिं्रट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया, वेब मीडिया के लगभग सभी पत्रकारों के साथ-साथ जिले भर से पत्रकार शामिल हुए वहीं स्वामी सुरेन्द्रनाथ ने इस अवसर पर पत्रकारों द्वारा किए जा रहे आंदोलन के समर्थन में मौन भूख हड़ताल रखा जिस पर स्वामी जी के शिष्यगण भी भारी संख्या में उपस्थित रहे। शुक्रवार की सुबह साढ़े दस बजे महाकाली आश्रम से पैदल चलते हुए स्वामी सुरेन्द्रनाथ एवं पत्रकारगण धरना स्थल पर पंहुचे जहां सबसे पहले बिसाहू दास महंत की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें नमन करते स्वामी सुरेन्द्रनाथ ने कहा कि आप जिले के पितृपुरूष हो, आपके बारे में हमने किताबों में पढ़ा है, भ्रष्टाचार के खिलाफ आपके संघर्षो को सुना है इसलिए भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग की शुरूआत आपको नमन कर करते हैं, उसके बाद स्वामी सुरेन्द्रनाथ ने मौन साध लिया। जिसके बाद पत्रकार राजेश सिंह क्षत्री ने पत्रकारों के धरना प्रदर्शन का उद्देश्य बताया वहीं केशव मूर्ति सिंह, चांपा प्रेस क्लब के अध्यक्ष कुलवंत सलूजा, डायमंड शुक्ला, लोकेश शुक्ला, उमेश यादव, राजेन्द्र राठौर, प्रकाश शर्मा, रवि गोयल, नर्मदा भोसले, हरि अग्रवाल, उपेन्द्र तिवारी, राजू तिवारी, प्रशांत सिंह ठाकुर, दुर्गेश यादव, राकेश तिवारी, प्रमोद पाण्डेय, रमेश साहू, संजय यादव, विक्रम तिवारी, ऋषि वैष्णव, नारायण राठौर आदि पत्रकारों के साथ-साथ महाकाली संगठन के अध्यक्ष लोकेश राठौर, सूचना का अधिकार कार्यकर्ता एसोसिएशन के उपाध्यक्ष नथमल सतनामी, प्रवक्ता विरेन्द्र जांगड़े, छत्तीसगढ़ शिवसेना के जिलाध्यक्ष ओंकार सिंह गहलोत, श्याम लाल अहीर, उड़ीसा से पंहुचे संजय कुमार अरोरा आदि ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की।

इम्पेक्ट ने इस संबंध में जो जानकारी जुटाई है उसके मुताबिक जिले के आदिवासी विकास विभाग में किसी सप्लाई आदि कार्य के लिए एक टेंडर जारी किया गया। जिसे विभाग द्वारा जनसंपर्क संचालनालय को भेजा गया। जनसंपर्क विभाग ने इस विज्ञापन को प्रकाशित करने के लिए दो अखबारों को आरओ जारी किया। इसके बाद ठेकेदार/सप्लायर द्वारा अखबार की तीन—तीन प्रतियां विभाग में जमा करवाई गई। जिसके आधार पर टेंडर की प्रक्रिया पूरी की गई।

इस मामले में जांजगीर के पत्रकारों का दावा है कि जिन अखबार की प्रतियों को प्रशासन टेंडर के लिए प्रस्तुत कर रहा है उसी दिन के अखबार में जो जांजगीर में वितरित की गई हैं उसमें यह विज्ञापन प्रकाशित ही नहीं है। जिसका साक्ष्य वे दिखा रहे हैं। पत्रकारों का आरोप है कि प्रशासन ने अपने लाभ के लिए अखबारों का फर्जी प्रकाशन कर दुरूपयोग किया है। वे मांग कर रहे हैं कि इसकी जांच और संबंधित अधिकारी पर कार्यवाही की जाए। 

इस संबंध में कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला से इम्पेक्ट ने चर्चा की उन्होंने बताया कियह मामला करीब सातआठ महीने पुराना है। इसकी जानकारी मिलने के बाद एडिशनल कलेक्टर को जांच के आदेश दिए गए है। संबंधित अधिकारी को शोकाज नोटिस जारी किया गया है।

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