गंगा-दशहरा पर्व पर उज्जैन में क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा 4 एवं 5 जून को
भोपाल
महाकाल की पावन नगरी उज्जयनी में गंगा दशहरा पर्व के उपलक्ष्य में 4 एवं 5 जून को क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा आयोजित की जायेगी। यह परिक्रमा प्रतिवर्ष गंगा दशहरा पर्व पर की जाती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेशभर में जल संरक्षण के लिये 30 मार्च से 30 जून तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। इसी उद्देश्य को लेकर ज्येष्ठ शुल्क पक्ष नवमीं से ज्येष्ठ शुल्क दसवीं गंगा दशहरा के अवसर पर दो दिवसीय माँ क्षिप्रा परिक्रमा आयोजित की जाती है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मोक्षदायिनी क्षिप्रा तीर्थ के संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण एवं जन-जागरण के लिये सभी से सहभागिता के लिये आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि परिक्रमा में विद्वतजन, विषय-विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और समाज के सभी वर्ग शामिल होकर क्षिप्रा संरक्षण कार्य में संलग्न रहते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा के दौरान पर्यावरणविद्, जीव और वनस्पति वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गयी परीक्षण रिपोर्ट प्रतिवर्ष शासन को भेजी जाती है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि क्षिप्रा नदी के किनारे विकास कार्यों को प्रमुखता से लिया गया है। क्षिप्रा परिक्रमा में घाटों का निर्माण, मंदिरों का पुनर्निर्माण, क्षिप्रा नदी का शुद्धिकरण और खान डायवर्सन योजना और नौका-विहार जैसे कार्य किये जा रहे हैं।
क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा में व्यवस्था
निदेशक महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ उज्जैन श्री श्रीराम तिवारी ने बताया कि क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा में प्रशासन द्वारा सभी जरूरी व्यवस्थाएँ की जायेंगी। इसमें नगर निगम उज्जैन द्वारा परिक्रमा मार्ग की सफाई, रामघाट, दत्त अखाड़ा, गुरुनानक देव घाट और राणोजी की छत्री घाट के साथ परिक्रमा मार्ग के घाटों की साफ-सफाई का कार्य किया जायेगा। क्षिप्रा नदी की सफाई, फव्वारे, मंदिरों की पुताई एवं विद्युत साज-सज्जा का कार्य किया जायेगा। दत्त अखाड़ा, गुरुनानक घाट, रामघाट, चुनरी-पूजन स्थल और भजन संध्या स्थल पर हैलोजन लगाये जायेंगे। नगर निगम द्वारा यात्रा के पहले-दूसरे दिन 4 एवं 5 जून को दत्त अखाड़ा घाट क्षेत्र, गुरुद्वारा नानक साहिब में विश्राम व्यवस्था की जायेगी। प्रति वर्षानुसार यात्रियों की सुविधा के लिये त्रिवेणी, रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट पर टेंट, मंच, विद्युत व्यवस्था की जायेगी।
क्षिप्रा परिक्रमा के दौरान लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा विभिन्न स्थलों पर पेयजल की व्यवस्था की जायेगी। उज्जैन विकास प्राधिकरण की मेंटेनेंस गैंग द्वारा मार्ग का चिन्हीकरण एवं चुनरी व्यवस्था के साथ यात्रा मार्ग पर मुरम का भराव कर रास्ता तैयार किया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिक्रमा के साथ एम्बुलेंस, डॉक्टर तथा पड़ाव स्थलों पर चिकित्सा व्यवस्था की जायेगी। यात्रा के दौरान सम्पूर्ण परिक्रमा स्थल एवं मार्ग पर पुलिस व्यवस्था रहेगी। साँची दुग्ध संघ द्वारा श्रीखण्ड एवं छाछ की व्यवस्था की जायेगी। जिला प्रशासन द्वारा मुख्य समारोह में भजन संध्या की व्यवस्था, वीआईपी अतिथियों की व्यवस्था और सेक्टर बनाकर परिक्रमा मार्ग पर अधिकारियों को नियुक्त किया जायेगा। यात्रा में विभिन्न ग्रामों की सहकारी समितियों का सहयोग भी लिया जायेगा। जिला पंचायत द्वारा परिक्रमा मार्ग पर आने वाले ग्रामों में छाँव व जलपान की व्यवस्था की जायेगी।
क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा में पुरातत्व दल विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के डॉ. आर.सी. ठाकुर, अश्विनी शोध संस्थान महिदपुर, डॉ. रमण सोलंकी, पुराविद् विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, प्रो. डॉ. विजय कुमार वर्मा राष्ट्रीय सेवा योजना विक्रम विश्वविद्यालय डॉ. हेमंत लोधवाल, प्राचीन भारतीय इतिहास, विक्रम विश्वविद्यालय डॉ. निहाल सिंह, वनस्पति विज्ञान विक्रम विश्वविद्यालय और भारत स्काउट एण्ड गाइड एवं राष्ट्रीय छात्र सेना शामिल रहेंगे।