इंदौर वासियों का मेट्रो में सफर करने का सपना जल्द ही पूरा होने वाला, मिल गया ग्रीन सिग्नल
इंदौर
इंदौर वासियों का मेट्रो में सफर करने का सपना जल्द ही पूरा होने वाला है। कमर्शियल रन से पहले सेफ्टी ऑडिट करने कमिश्नर मेट्रो रेल सिक्योरिटी की टीम ने सिविल कार्यों का फाइनल निरीक्षण किया। हर विभाग के स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी कार्यों की रिपोर्ट देखी। गांधीनगर डिपो से सुपर कॉरिडोर स्टेशन 3 तक 5.8 किलोमीटर में यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े हर छोटे-बड़े काम को बारीकी से जांच की गई।
एमपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MPMRCL) के अधिकारी का कहना है कि कि सभी दस्तावेज सीएमआरएस टीम को पहले ही सौंप दिए गए हैं। निरीक्षण के बाद दिल्ली में दस्तावेजों की भी जांच की जाएगी। जांच के बाद ग्रीन सिग्नल मिलते ही मेट्रो का कमर्शियल रन इसी महीने से शुरू हो सकता है। निरीक्षण में सब कुछ सही मिलने पर ही सीएमआरएस की टीम ओके रिपोर्ट देगी।
जिम्मेदारों के दावे के अनुसार मेट्रो का दिसंबर 2024 में कमर्शियल रन नहीं हो पाया था। अब MPMRCL के अधिकारियों ने कमर कस ली है। सीएमआरएस की टीम के निरीक्षण से पहले स्थानीय अधिकारियों ने भी पिछले दिनों पांच स्टेशन, जन सुविधा और ट्रैक सुरक्षा के पैरामीटर की जांच की थी।
एमपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमपीएमआरसीएल) के अधिकारी ने बताया कि सभी दस्तावेज सीएमआरएस टीम को पहले ही सौंप दिए गए हैं। निरीक्षण के बाद दिल्ली में दस्तावेजों की भी जांच की जाएगी। ग्रीन सिग्नल मिलते ही मेट्रो का कमर्शियल रन इसी महीने से शुरू हो सकता है।
निरीक्षण में सबकुछ सही मिलने पर ही सीएमआरएस की टीम ओके रिपोर्ट देगी। जिम्मेदारों के दावे के अनुसार मेट्रो का दिसंबर 2024 में कमर्शियल रन नहीं हो पाया। अब एमपीएमआरसीएल के अधिकारियों ने कमर कस ली है। सीएमआरएस की टीम के निरीक्षण से पहले स्थानीय अधिकारियों ने भी पिछले दिनों पांच स्टेशन, जन सुविधा और ट्रैक सुरक्षा के पैरामीटर्स की जांच की थी।
जांच में इन पर फोकस
– ट्रैक की सुरक्षा।
– ट्रैक के नट-बोल्ट की जांच।
– सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करना।
– स्टेशन निर्माण में उपयोगी उपकरणों को जांचना।
– लोक सुविधा के लिए लगाए गए सिस्टम का ट्रायल करना।
जांच में इन बिंदुओं पर फोकस…
बता दें कि जांच में ट्रैक की सुरक्षा समेत ट्रैक के नट-बोल्ट की जांच, सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करना, स्टेशन निर्माण में उपयोगी उपकरणों को जांचना और लोक सुविधा के लिए लगाए गए सिस्टम के ट्रायल करने जैसे पहलुओं पर फोकस किया जाएगा।