राज्य में भूपेश बघेल ने कोरोना पर ताबड़तोड़ 11 फैसले लेकर गुड गवर्नेंस का उदाहरण प्रस्तुत किया…
- इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर।
छत्तीसगढ़ में कोरोना के कुल 117 संदिग्धों की जांच की रिपोर्ट ने राहत दिलाई है। यहां केवल एक मात्र पाजीटिव केस दर्ज है। जिनका उपचार चल रहा है। इसके अलावा सारे रिपोर्ट निगेटिव मिले हैं। इस बीच कोरोना से बचने के लिए ताबड़तोड़ 11 फैसलों से भूपेश बघेल ने गुड गवर्नेंस का उदाहरण पेश किया है। सबसे बड़ी बात राजनीतिक मतभेदों से उपर उठकर केंद्र के साथ कदम ताल करते सीएम को देखकर अच्छे दिनों के संकेत मिल रहे हैं।
राज्य शासन द्वारा कोरोना वाइरस का फैलाव रोकने के लिये युद्धस्तर पर किये जा रहे प्रयासों के साथ आम जनता की सहूलियत का भी पूरी सम्वेदनशीलता से ध्यान रखा गया है। मुख्यमंत्री की पहल पर आम जनता के लिए अनेक फैसले किये हैं। इनसे गरीबों, स्कूली बच्चों, आम नागरिकों और व्यापारी वर्ग सहित सभी लोगों को 31 मार्च तक लॉक डाउन के दौरान बड़ी राहत मिलेगी।
छत्तीसगढ़ सरकार के गुड गवर्नेंस के तहत कदम उठाए कदम
1- राज्य सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के राशनकार्डधारकों को अप्रैल एवं मई माह 2020 का चावल का एकमुश्त वितरण करने का निर्णय लिया है। इसके लिए खाद्य विभाग द्वारा आबंटन जारी करते हुए अंत्योदय, प्राथमिकता और अन्नपूर्णा श्रेणी के राशनकार्ड धारकों को माह अप्रैल एवं मई 2020 के चांवल के साथ नमक और शक्कर का भी एकमुश्त वितरण माह अप्रैल 2020 में करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
2- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर अवकाश अवधि में स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिए जाने का निर्णय लिया गया है। इस योजना में मध्यान्ह भोजन हेतु 40 दिन का सूखा दाल और चावल बच्चों के पालकों को स्कूल से प्रदाय किया जाएगा। प्राथमिक शाला के प्रत्येक बच्चे को 4 किलोग्राम चावल और 800 ग्राम दाल तथा उच्चतर माध्यमिक शाला के प्रत्येक बच्चे को 6 किलोग्राम चावल और 1200 ग्राम दाल दी जाएगी।
3-आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों के लिए टेक होम राशन वितरण के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों को 31 मार्च 2020 तक बंद किया है। राज्य सरकार ने इस अवधि में 03 से 06 वर्ष आयु के समान्य, मध्यम और गंभीर कुपोषित बच्चों को गर्म भोजन के स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में 125 ग्राम रेडी टू ईट प्रतिदिन के मान से 750 ग्राम टेक होम राशन (रेडी टू ईट)का अनिवार्य रूप से वितरण के निर्देश दिए हैं । शेष हितग्राहियों को भी पात्रता अनुसार रेडी-टू-ईट का वितरण यथावत जारी रहेगा।
4- प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में अनुज्ञा, परमिट, लायसेंस इत्यादि नवीनीकरण कराने की समय-सीमा एक माह की वृद्धि की गई है।
5- राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों की पेशी एक अप्रैल या उसके पश्चात रखने के निर्देश दिए गए हैं।
6- वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग ने छत्तीसगढ़ बाजार मूल्य की पुनरीक्षित दरें जो एक अप्रैल से लागू होती है, उसे एक माह बढ़ाकर अब एक मई कर दिया है। पंजीयन कार्यालयों में मार्च के माह में होने वाली भीड़ की समस्या को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय किया गया है।
7-प्रदेश के नगरीय निकायों में सम्पत्ति कर जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च को बढ़ाकर अब 30 अप्रैल तक कर दिया गया है।
8- कोरोना वायरस (कोविड-19) की रोकथाम के उपायों के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने अल्कोहल आधारित हैण्ड सैनिटाईजर (हैण्ड रब साॅल्यूशन) के औद्योगिक निर्माण के लिए दो डिस्टिलरी को लाइसेंस दिया है।
9- कोरोना के उपचार में लगे स्वास्थ्य विभाग के अमले को विशेष भत्ता देने का फैसला।
10- राज्य के सभी निजी संस्थानों, कारखानों, अस्पतालों, मॉल, रेस्टोरेंट आदि के नियोजकों से मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए श्रमिकों एवं कर्मचारियों की छंटनी नहीं किए जाने और कोरोना वायरस (कोविड-19) से पीडि़त होने या अन्य कारणों से बीमार होने पर संवैतनिक अवकाश प्रदान करने के साथ ही आवश्यकता पड़ने पर उनसे घरों से भी कार्य लिए जाने के निर्देश दिए हैं।
11-निम्नदाब उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग -बिलिंग पर 31 मार्च तक रोक, ‘हाफ रेट पर बिजली योजना’’ के तहत् मिलेगा एक मुश्त दो माह का लाभ।
सबसे बड़ी बात यह है कि कोरोना को लेकर केंद्र का पहला पत्र छत्तीसगढ़ सरकार को मिला। मुख्यमंत्री तब दिल्ली में थे वे लौटे और तत्काल अधिकारियों की बैठक लेकर प्रदेश के हालात की जानकारी ली। इसके बाद सारे फैसले एक के बाद एक कर लिए गए। यही वजह है कि कोरोना के प्रभाव से जुझती पूरी दुनिया में फिलहाल छत्तीसगढ़ सबसे बेहतर स्थिति में दिखाई दे रही है।
इस बीच प्रधानमंत्री के जनता कर्फ्यू की घोषणा से एक दिन पहले शनिवार से ही छत्तीसगढ़ में नगरीय क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर अपने ऐहितियाती कदम का स्पष्ट संकेत सीएम ने दिया।
छत्तीसगढ़ से सटे सभी राज्यों से संपर्क काटने में भी सरकार का फैसला बड़ा साबित हुआ। फिलहाल कोरोना के संक्रमण को लेकर छत्तीसगढ़ में हालात काफी बेहतर है। इसे बनाए रखने के लिए सरकार के कदम स्वागतयोग्य हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार सोशल मीडिया से लोगों से मुखातिब हो रहे हैं और अपील भी कर रहे हैं। सख्ती के संदेश के लिए उन्होंने केंद्र के पत्र का हवाला देकर थोड़ी राजनीति भी जरूर की है।
इस बीच झारखंड के मजदूरों के बिलासपुर में फंसे होने की जानकारी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीएम भूपेश बघेल को दी। इसके बाद वे उन प्रभावित मजदूरों के लिए व्यवस्था करने के बाद रिप्लाई भी कर दिया। झारखंड के मुख्यमंत्री को पत्रकार आलोक पुतुल ने ट्विटर से जानकारी दी थी। जिस पर उन्होंने रिप्लाई किया था।