छत्तीसगढ़ में मेहरा और माहरा समुदाय सूची में शामिल : संसद ने लगाई मुहर… शिक्षा और नौकरी में मिल सकेगा आरक्षण का लाभ…
इम्पैक्ट डेस्क.
हिंदुस्तान समाचार के अनुसार छत्तीसगढ़ के मेहरा और माहरा समुदाय को अनुसूचित जनजातियों (scheduled tribes) की सूची में शामिल किया गया है। दरअसल, इन दो समुदायों को एसटी की सूची में शामिल करने से संबंधित संविधान अनुसूचित जातियां आदेश (संशोधन ) विधेयक 2023 को आज राज्यसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इसको पहले ही पारित कर चुकी है। इस तरह आज इस पर संसद की मुहर लग गई।
भोजनावकाश तक के स्थगन के बाद कार्यवाही शुरू होने पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र कुमार ने इस विधेयक को सदन में पेश किया। इस पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की अनुशंसा पर इन दोनों समुदाय को जनजातियों की सूची में शामिल करने का प्रावधान किया गया है।
हिंदुस्तान की खबर के अनुसार वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि मध्य प्रदेश में ये जातियां पहले ही जनजातियों की सूची में शामिल की जा चुकी हैं जबकि मात्रा में गड़बड़ी के कारण छत्तीसगढ़ में इनको अनुसूचित जनजातियों में शामिल नहीं किया जा सका था। अब इस संशोधन के बाद ये दोनों इस सूची में शामिल हो जाएगी।
इसके बाद सदन ने विपक्ष की अनुपस्थिति में इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस सूची में शामिल होने से इन दोनों जातियों को शिक्षा के साथ ही नौकरी में भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में विशेषकर बस्तर संभाग में माहरा को अनुसूचित जाति में शामिल माना जाता रहा है। एजेंसी द्वारा जारी समाचार में तकनीकी त्रुटि वश अनुसूचित जाति की जगह अनुसूचित जनजाति का उल्लेख प्रदर्शित हो रहा है। विधेयक अनुसूचित जाति संशोधन विधेयक 2023 है। अत: एजेंसी के समाचार में त्रुटि संभावित है।