आईसीआईसीआई बैंक और यस बैंक ने बदले सेविंग्स अकाउंट से जुड़े नियम, अब ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है जेब
आईसीआईसीआई बैंक और यस बैंक ने बदले सेविंग्स अकाउंट से जुड़े नियम, अब ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है जेब
आईफोन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में कंट्रोलिंग स्टेक खरीदने की तैयारी में टाटा ग्रुप
आईटी में कम हो रही नौकरियां! अब विप्रो में घटे 6 हजार कर्मचारी
नई दिल्ली
प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक बचत खाते के सर्विस चार्जेज में बदलाव करने वाले हैं। साथ ही, दोनों बैंक कुछ अकाउंट को बंद भी करने वाले हैं। ये बदलाव 1 मई से लागू होंगे।
यस बैंक में क्या बदलाव होगा?
यस बैंक ने सेविंग्स अकाउंट्स के अलग-अलग वेरिएंट्स के मिनिमम एवरेज बैलेंस में बदलाव किया गया है। अगर प्रो मैक्स अकाउंट की बात करें, तो मिनिमम एवरेज बैलेंस 50 हजार रुपये हो जाएगा। वहीं, मैक्सिमम चार्ज के लिए 1,000 रुपये की लिमिट रहेगी।
अगर सेविंग अकाउंट प्रो प्लस, Yes Essence SA और YES Respect SA वाले कस्टमर की बात करें, तो उनके लिए मिनिमम बैलेंस अब 25,000 रुपये हो जाएगा। अगर किसी कस्टमर के पास Saving Account PRo अकाउंट है, तो उनके लिए मिनिमम बैलेंस 10 हजार रुपये होगा। अगर चार्जेज की बात करें, तो मैक्सिमम लिमिट 750 रुपये होगी।
यस बैंक ने कुछ अकाउंट्स को बंद करने वाला भी है। जैसे कि Saving Exclusive और Yes Saving Select।
आईसीआईसीआई बैंक क्या बदलाव करेगा?
आईसीआईसीआई बैंक ने भी कुछ सेवाओं की फीस स्ट्रक्चर में बदलाव किया है। इनमें मिनिमम एवरेज बैलेंस, कैश ट्रांजेक्शन चार्ज और एटीएम इंटरचेंज फीस जैसी चीजें शामिल हैं।
आईसीआईसीआई बैंक ने रेगुलर सेविंग्स अकाउंट में कुछ अहम बदलाव किए हैं। मसलन, डेबिट कार्ड की एनुअल फीस 2000 रुपये हो गई है। हालांकि, ग्रामीण इलाकों के लिए यह सालाना 99 रुपये होगी।
ज्यादा चेक बुक का इस्तेमाल महंगा पड़ेगा
अगर आईसीआईसीआई बैंक आप चेक बुक का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो आपको अतिरिक्त चार्ज देना पड़ेगा। एक साल में 25 पन्ने वाली चेक बुक फ्री रहेगी। लेकिन, उसके बाद हर अतिरिक्त पन्ने के लिए आपको 4 रुपये देने होंगे।
अब आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहकों को IMPS (इमीडिएट पेमेंट सिस्टम) के ट्रांजेक्शन अमाउंट पर चार्ज देना पड़ेगा। यह 2.50 से 15 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन तक हो सकता है। हालांकि, चार्ज कितना लगेगा, यह ट्रांजेक्शन की वैल्यू से तय होगा।
आईसीआईसीआई बैंक ने भी कुछ अकाउंट्स को बंद करने का ऐलान किया है। जैसे कि Advantage Woman Savings Account, Privilege Accounts Advantage Woman Saving Account, Asset Linked Saving Account और Aura Savings Account।
आईफोन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में कंट्रोलिंग स्टेक खरीदने की तैयारी में टाटा ग्रुप
नई दिल्ली
टाटा समूह भारत में आईफोन का मैन्युफैक्चरिंग करने वाली पेगाट्रॉन कॉरपोरेशन में ऑपरेशंस का नियंत्रण हासिल करने की तैयारी में हैं। उसके लिए ग्रुप पेगाट्रॉन के साथ डील कर सकता है। जानकारी के मुताबिक ऐसा कहा जा रहा है कि ये डील मई महीने में फाइनल हो सकती है।
अगर ये डील होती है तो माना जा रहा है कि एपल इंक और टाटा ग्रुप के बीच के संबंध और मजबूत होंगे। एपल का हैंडसेंट एसेंबल करने वाली इस ताइवानी कंपनी में कंट्रोलिंग स्टेक खरीदने का प्रोसेस अंतिम चरण में हैं।
बता दें, आईफोन का प्रोडक्शन प्लांट चेन्नई के पास है, जबकि एक और प्लांट लगामे के लिए काम चल रहा है। मनी कंट्रोल ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इस डील के बाद पेगाट्रॉन टाटा ग्रुप को मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में मदद कर सकती है। डील पूरी होने के बाद टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड पेगाट्रॉन के ऑपरेशंस को चलाएगी।
बता दें, इससे पहले भी दोनों इकाइयों के बीच बातचीत की खबरें आई थीं। वहीं इस ताजा खबर को लेकर टाटा ग्रुप और पेगाट्रॉन की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
लेकिन इस डील को अहम इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि एपल इस समय भारत में अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए कोशिश में लगी हुई है। वहीं स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने भी कई तरह के फाइनेंशियल इंसेंटिव का ऐलान किया है।
आईटी में कम हो रही नौकरियां! अब विप्रो में घटे 6 हजार कर्मचारी
नई दिल्ली,
आईटी सेक्टर में एक ओर छंटनी का दौर चल रहा है तो वहीं कहीं नौकरियों की संख्या कम हो रही है। हाल ही में विप्रो ने अपने तिमाही नतीजे जारी किए, इसमें सामने आया है कि आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी विप्रो के कर्मचारियों की संख्या मार्च तिमाही में 6,180 घट गई।
आंकड़ों पर नजर डालें तो यह लगातार छठवीं तिमाही है, जब विप्रो के कर्मचारियों की संख्या में गिरावट देखी गई है। ये ऐसा समय जब है जब इस सेक्टर की कंपनियां कर्मचारियों के यूटिलाइजेशन को बेहतर बनाने और एट्रिशन रेट को कम करने पर फोकस कर रही हैं। विप्रो का एट्रिशन रेट तिमाही आधार पर 14.2 फीसदी के सपाट रहा। बता दें कि कर्मचारियों के खुद से नौकरी छोड़ने यानी रिजाइन करने की दर को एट्रिशन रेट कहते हैं।
TCS-Infosys में भी रहा यही दौर
इससे पहले इंफोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसी दूसरी बड़ी आईटी कंपनियों में यही दौर देखने को मिला था। TCS की बात करें तो यहां भी कर्मचारियों की संख्या में वित्त वर्ष 2024 में कमी आई थी, कंपनी के 13,249 कर्मचारी घटे थे।
वहीं इंफोसिस के कर्मचारियों की संख्या में 25,994 की गिरावट आई। ये साल विप्रो के लिए चुनौती भरा रहा है। साल 2023 में कंपनी के टॉप मैनेजमेंट के करीब 10 फीसदी से अधिक कर्मचारियों ने नौकरियां छोड़ीं। इसमें कंपनी के चीफ ग्रोथ ऑफिसर स्टेफनी ट्रौटमैन, चीफ फाइनेंस ऑफिसर जतिन दलाल, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर संजीव सिंह, अमेरिका-2 बिजनेस के चीफ बिजनेस ऑफिसर नितिन वी जगनमोहन आदि शामिल हैं। यहां तक इसके सीईओ थिएरी डेलापोर्टे ने भी हाल ही में कंपनी से अचनाक इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया।
विप्रो का शुद्ध लाभ 8 प्रतिशत घटा
विप्रो का शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में 2,835 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले करीब 8 प्रतिशत कम, लेकिन तिमाही आधार पर 5.2 प्रतिशत तक अधिक है। यह वित्तीय परिणाम ब्लूमबर्ग द्वारा जताए गए 2,771 करोड़ रुपये के अनुमान से अधिक है।
मार्च तिमाही में राजस्व एक साल पहले की अवधि से 4.2 प्रतिशत घटकर 22,208 करोड़ रुपये रहा, जो ब्लूमबर्ग के अनुमान (22,228 करोड़ रुपये) के लगभग अनुरूप है। तिमाही आधार पर राजस्व वृद्धि सपाट बनी रही, क्योंकि गैर-जरूरी खर्च कम ही रहा। विप्रो ने आईटी सेवा व्यवसाय खंड से राजस्व 2.62 अरब डॉलर से 2.680 अरब डॉलर के दायरे में रहने का अनुमान जताया, जो स्थिर मुद्रा संदर्भ में -1.5 प्रतिशत से +0.5 प्रतिशत का तिमाही अनुमान है।