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CG : …ताकि बना रहे जनसंख्या बैलेंस : सरकारी अस्पतालों में लगाए गए निशुल्क कंडोम बॉक्स… जारी है सास-बहू सम्मेलन भी…

इम्पैक्ट डेस्क.

छत्तीसगढ़ में बालोद के सरकारी अस्पतलों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कंडोम बॉक्स लगाए गए हैं। इन बॉक्स से कोई भी निशुल्क कंडोम प्राप्त कर सकता है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इससे जो लोग शर्म और झिझक के चलते खरीद नहीं पाते हैं, वे यहां से ले सकते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य जनसंख्या बैलेंस हैं। फिलहाल इसकी शुरुआत जिला अस्पताल से की गई है। इससे पहले विभाग ने सास-बहू सम्मेलन भी किया था।

जिला अस्पताल में 10 जगह लगेंगे बॉक्स
दरअसल, परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत जिले में पहली बार इस तरह की शुरुआत की गई है। जिला अस्पताल में 10 जगह चिन्हित कर कंडोम बॉक्स लगाया जाएगा। फिलहाल शुरुआती तौर पर इसे दो जगह लगाया गया है। इसमें एक ओपीडी और एक अन्य जगह शामिल है। ओपीडी में आने वाले लोग काउंटर से दवाई लेते समय उसके पास ही लगे बॉक्स से कंडोम खुद ही निकाल सकते हैं। इसके लिए उन्हें कोई भी रुपये नहीं देने होंगे। 

सीएचसी और पीएचसी में भी व्यवस्था
जिला अस्पताल सहित इन कंडोम बॉक्स को सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में लगाया जाएगा। प्रत्येक सीएचसी में पांच-पांच और प्रत्येक पीएचसी में दो-दो बॉक्स लगाए जाएंगे। इसके अलावा सीएचसी के तीन उपकेंद्रों पर एक-एक बॉक्स लगाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया कि जिला अस्पताल में इसकी शुरुआत हुई है और सभी जगहों पर मॉनिटरिंग की जा रही है।

बालोद के लिए वरदान
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जेएल उईके ने बताया कि बालोद के लिए यह एक वरदान से कम नहीं है। बालोद जिला, एक कस्बे की तरह है। यहां आज भी जागरूकता की कमी कई लोगों में है। लोग कंडोम खरीदने से बचते हैं। ऐसे में उन लोगों के लिए कंडोम बॉक्स काफी उपयोगी साबित होगा। इसकी लिए हम कार्ययोजना भी बना रहे हैं। प्रत्येक जगहों पर इस बॉक्स को पहुंचाया जाएगा। लोग इसमें से ले जाकर इस्तेमाल कर सकेंगे। 

सास बहू सम्मेलन की भी शुरूआत
परिवार नियोजन के दृष्टिकोण से जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से सास- बहू सम्मेलन की भी शुरुआत की गई है। इसमें महिलाओं को जोड़ा गया है। अस्पताल में आने वाली महिलाओं को एक स्पेशल बॉक्स दिया जाता है। जिसमें गर्भनिरोधक गोलियां, बिंदी सहित अन्य श्रृंगार का सामान होता है। यह महिलाओं को प्रोत्साहित करने की योजना है। इसे विभाग की ओर से ‘नई पहल’ नाम दिया गया है।