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चार दिवारी ना पक्की छत, एक खाट और अलाव के सहारे सालों से जीवन की गाड़ी हांक रहा इस्तारी… चुनाव के वक्त वोट के लिए किये जाते है याद, चुनाव निपटते छोड़ जाते है अपने हाल पर…

पी.रंजन दास, बीजापुर। चार बल्लियों के सहारे कच्च छत, ठंड हो या बरसात ना तो चारदीवारी और ना ही बारिश के पानी से बचने का कोई इंतजाम, फिर भी पिछले पांच सालों से टपकती छप्पर और ठिठुरती ठंड के बीच एक शख्स जीवन की गाड़ी जैसे-तैसे हांक रहा है।भोपालपट्नम से करीब आठ किमी दूर बरदली ग्राम पंचायत के कच्ची पारा में रहने वाले सत्तर वर्षीय बुर्जुग मड़े इस्तारी ऐसे ही बदतर हालात में जीने को मजबूर है।उम्रदराज इस शख्स के पास अपनी खुद की कोई पक्की छत नहीं है। हाथ,

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#आजतक के कार्यक्रम में भूपेश बघेल ने कहा ‘मैं राहुल गांधी का सबसे बड़ा वकील हूं। उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष का दायित्व फिर से सम्भालना चाहिए…’

इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज एक आज तक के सिंहासन छत्तीसी कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने चर्चा के दौरान सवालों पर खुलकर बेबाकी के साथ राजनीति, विकास नीति, राज्य एवं चुनाव के विषय पर अपनी बात रखी। आजतक के कार्यक्रम में कहा ‘मैं राहुल गांधी का सबसे बड़ा वकील हूं। उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष का दायित्व फिर से सम्भालना चाहिए…’ मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम में कहा कि प्रियंका गांधी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस दमदारी के साथ उतरी है। हमने प्रदेश स्तर से लेकर

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‘विंग्स टू फ्लाई’ अब उड़ान की तैयारी… एक सप्ताह में 5500 संकुलों से साढ़े पांच करोड़ वसूली की तैयारी… शिक्षा मंत्री बैठे रहे… संविदा अफसर ने दिया डीईओ, डीएमसी और जेडी को फरमान कोई पूछे तो कह देना ‘मैंने कहा है…!’

इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर। दो दिन पहले छत्तीसगढ़ में शिक्षा की व्यवस्था को लेकर एक बड़ी बैठक राजधानी में आयोजित की गई। इसमें प्रदेश के सभी जिलों के सभी JD संभागीय शिक्षा अधिकारी, DEO जिला शिक्षा अधिकारी और DMC डीएमसी को बुलाया गया था। इस बैठक में प्रदेश के शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम के साथ संविदा प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला भी मौजूद थे। बैठक तो ठीक है शिक्षा को लेकर कार्ययोजना को लेकर भी बातें ठीक हैं। इस बैठक में जब संविदा प्रमुख सचिव डा. शुक्ला ने विंग्स

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कौन हैं भागवत वर्मा और सुर्खियों में क्यों हैं? जिनका जिक्र छत्तीसगढ़ की सियासी बात में पूर्व और वर्तमान सीएम ने किया… आप का सवाल जिसकी पूरी जमीन बंधक वह खुशहाल कैसे?

इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर। वैष्णादेवी में एक छत्तीसगढ़ी किसान भागवत वर्मा के परिवार की कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद यकायक किसान वर्मा सुर्खियों में आ गए हैं। चर्चा को लेकर जमकर सियासत हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के एक पत्रकार आलोक पुतुल के ट्वीट को रिट्विट करते पूछा था ‘यह संयोग है या राहुल गांधी को खुश करने का प्रयोग?’ कैसा संयोग है कि छत्तीसगढ़ के ग्राम रेंगाकठेरा के जिस किसान भागवत वर्मा को 11 जून 2021 को सरकारी अधिकारी मुख्यमंत्री

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फिलहाल छत्तीसगढ़ में राजनीति का खेला देखते रहिए… किसी ना किसी को त्याग करना ही होगा… नहीं तो…

सुरेश महापात्र । आगामी 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ की उम्र 21 बरस की हो जाएगी। बीते 21 बरसों में राज्य ने तीन मुख्यमंत्री देख लिए हैं। इसमें पहले अजित जोगी और दूसरे डा. रमन सिंह सीएम का पदभार ग्रहण करने के बाद विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। इस प्रकार से भूपेश बघेल पहले से निर्वाचित विधायक होकर मुख्यमंत्री बने हैं। छत्तीसगढ़ के अस्तित्व में आने से पहले इस राज्य के इतिहास को भी समझना जरूरी है। 15 अगस्‍त, 1947 के पूर्व देश में कई छोटी-बड़ी रियासतें एवं देशी राज्‍य अस्तित्‍व में

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म्यान में नहीं तलवारें…

यह खबर उडने के बाद प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया बार बार राग अलापते रहे कि ऐसी कोई बात नहीं है। ऐसा कोई फार्मूला शीर्ष नेतृत्व ने नहीं दिया है। दिवाकर मुक्तिबोध। इन दिनों छत्तीसगढ़ कांग्रेस की राजनीति में जो कुछ घट रहा है वह प्रदेश में पार्टी के भविष्य की दृष्टि से ठीक नहीं हैं। उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि आंतरिक झगडे व घात-प्रतिघात की वजह से पार्टी ने अपना बहुत नुकसान किया तथा वह पन्द्रह वर्षों तक सत्ता से बाहर रही। अगर 2018 के विधानसभा चुनाव में

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छत्तीसगढ़ में परिवर्तन को लेकर दिल्ली में दंगल के पीछे की कहानी… आखिर क्यों भूपेश ने टीएस को नजरअंदाज करना शुरू किया?

सुरेश महापात्र। फिलहाल छत्तीसगढ़ की गूंज दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में हो रही है। एक शांत और सौम्य राजनीतिक चेहरे के सामने आक्रामक राजनीति के पर्याय दिल्ली दरबार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए जुटे हैं। आज दोपहर तक दिल्ली में छत्तीसगढ़ के करीब 50—60 विधायक पहुंच चुके होंगे। इन विधायकों में कितने किसके पक्ष में हैं यह जान पाना कतई संभव नहीं है। वैसे बहुत कम लोगों को यह याद होगा कि करीब 8—10 माह पहले कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह यकायक रायपुर पहुंचे थे और सीएम

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भूपेश—सिंहदेव के फाइनल का डिसिजन आ गया मान लें या पेंडिंग समझें…!

सुरेश महापात्र। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन पर पूरे प्रदेश में जश्न का प्रदर्शन दरअसल उस शक्ति प्रदर्शन का हिस्सा था जिससे सीएम दिल्ली में आलाकमान को संदेश देना चाहते थे। जब तक मुख्यमंत्री लोकप्रिय हो और जनता उनके साथ हो तब तक आलाकमान चाहकर भी उस लाइन को छोटी या विलोपित नहीं कर सकता। यह तथ्य सीएम भूपेश अच्छे से जानते हैं। यदि इसे शब्दों में कहा जाए तो इसे राजनीति ही कहते हैं। राजनीति में अपने प्रतिद्वंदी को छोटा दिखाने के लिए यह सबसे अचूक तरीका

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बस्तर में पिछले 15 बरसों में भाजपा सरकार ने आदिवासियों को पिछे ढकेलने का काम किया : कवासी लखमा

सुरेश महापात्र। मैं बस्तर का रहने वाला हूं। वहां की बोली, भाषा, समाज के साथ रहने वाला हूं। इसीलिए मुझे मुख्यमंत्री ने मुझे बस्तर का दायित्व सौंपा है… गुटबाजी ना तो मेरे मन में है ना मेरे दिल में… सरकार की नीति का क्रियान्वयन सही तरीके से हो और अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचे यही मेरा काम होगा… बस्तर संभाग के कोंटा विधानसभा क्षेत्र के अपराजित विधायक और इकलौते कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा को हाल ही में संभाग के पांच जिलों दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, कोंडागांव और नारायणपुर का प्रभारी मंत्री

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बस्तर में राजनीति की दिशा बदल रहे हैं भूपेश… नेताम, सोढ़ी और कर्मा के बाद अब लखमा का दबदबा…

सुरेश महापात्र। रविवार को मुख्यमंत्री ने प्रदेश के जिला प्रभारी मंत्रियों के प्रभार जिला में बड़ा परिवर्तन किया है। इसमें सबसे बड़ा परिवर्तन बस्तर संभाग के उन पांच जिलों के नाम है। जिसमें कोंटा के पांच बार के विधायक और कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा को दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, कोंडागांव और नारायणपुर का प्रभार सौंपा गया है। दंतेवाड़ा की राजनीति के लिए कवासी लखमा हमेशा महेंद्र कर्मा के लिए चुनौती रहे। दोनों नेताओं के बीच सिर्फ दिखावे का रिश्ता बचा रहा। दिग्विजय सिंह हों या अजित जोगी दोनों ने कवासी लखमा

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