चार दिवारी ना पक्की छत, एक खाट और अलाव के सहारे सालों से जीवन की गाड़ी हांक रहा इस्तारी… चुनाव के वक्त वोट के लिए किये जाते है याद, चुनाव निपटते छोड़ जाते है अपने हाल पर…
पी.रंजन दास, बीजापुर। चार बल्लियों के सहारे कच्च छत, ठंड हो या बरसात ना तो चारदीवारी और ना ही बारिश के पानी से बचने का कोई इंतजाम, फिर भी पिछले पांच सालों से टपकती छप्पर और ठिठुरती ठंड के बीच एक शख्स जीवन की गाड़ी जैसे-तैसे हांक रहा है।भोपालपट्नम से करीब आठ किमी दूर बरदली ग्राम पंचायत के कच्ची पारा में रहने वाले सत्तर वर्षीय बुर्जुग मड़े इस्तारी ऐसे ही बदतर हालात में जीने को मजबूर है।उम्रदराज इस शख्स के पास अपनी खुद की कोई पक्की छत नहीं है। हाथ,
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