सोलर पावर से चलेगी कार : घर भी होगा जगमग… जानें भारत को लेकर क्या है एलन मस्क का प्लान…
इंपेक्ट डेस्क.
अमेरिका की दिग्गज इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी Tesla (टेस्ला) भारत में अपने वाहनों को लॉन्च करने के लिए तैयारियां कर रही है। हाल ही में टेस्ला इंडिया मोटर एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने पुणे में किराये पर जगह लेकर वहां एक दफ्तर बनाया है। इस बीच यह खबर आई है कि, टेस्ला ने भारत में बैटरी स्टोरेज सिस्टम बनाने और बेचने की योजना तैयार की है। उसने फैक्ट्री बनाने के लिए इंसेंटिव (प्रोत्साहन) की मांग करते हुए अधिकारियों को एक प्रस्ताव सौंपा है। क्योंकि एलन मस्क देश में एंट्री करने के लिए प्रयासरत हैं। इस योजना की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने बताया।
टेस्ला कई हफ्तों से भारत में लगभग 24,000 डॉलर (करीब 20 लाख रुपये) की कीमत वाली कार बनाने के लिए एक नई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) फैक्ट्री स्थापित करने के बारे में बातचीत कर रही है। इस चर्चा पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की नजर है। हालांकि, इसके नवीकरणीय ऊर्जा प्रोत्साहन की अब तक रिपोर्ट सामने नहीं आई है।
नई दिल्ली में हुई हाल की बैठकों में, टेस्ला ने अपने “पावरवॉल” के साथ देश की बैटरी भंडारण क्षमताओं का समर्थन करने का प्रस्ताव रखा। पावरवॉल एक ऐसी प्रणाली जो रात में या आउटेज के दौरान इस्तेमाल के लिए सोलर पैनलों या ग्रिड से बिजली स्टोर कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है उन्होंने नाम बताने से इनकार कर दिया क्योंकि मामला गोपनीय है।
हालांकि टेस्ला ने बैटरी स्टोरेज फैक्ट्री स्थापित करने के लिए कई इंसेंटिव की मांग की है। लेकिन भारतीय अधिकारियों ने बताया कि ये उपलब्ध नहीं होंगे। एक सूत्र ने कहा। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ऐसे उत्पाद खरीदने वालों को सब्सिडी देकर कंपनी के लिए एक निष्पक्ष व्यवसाय मॉडल बनाने में मदद कर सकती है।
पहले सूत्र ने कहा, हालांकि टेस्ला और भारत सरकार दोनों ही प्रस्ताव को लेकर उत्सुक हैं और नई दिल्ली इसकी समीक्षा कर रही है। लेकिन यह निश्चित नहीं है कि योजना साकार होगी या नहीं।
दूसरे सूत्र ने कहा, पावरवॉल का प्रस्ताव ईवी से इतर सोच कर भारत में व्यापक उपस्थिति के लिए अमेरिकी कंपनी की योजना का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि टेस्ला अपनी बैटरी स्टोरेज सिस्टम के लिए आवासीय और साथ ही औद्योगिक ग्राहकों को ढूंढने के लिए उत्सुक है।
सूत्र ने कहा, “बड़े नीति स्तर के अंशांकन की आवश्यकता होगी। टेस्ला का इरादा भारत में पावरवॉल व्यवसाय करना है।”
रिपोर्ट के मुताबिक, इस पूरे मामले पर टिप्पणी के अनुरोधों का न तो टेस्ला, न ही भारत सरकार के मुख्य प्रवक्ता और न ही वाणिज्य मंत्रालय ने कोई जवाब दिया।
भारत ने कस्बों और गांवों में बिजली की आपूर्ति बढ़ा दी है, लेकिन मांग बढ़ने के कारण अभी भी बिजली की कमी का सामना करना पड़ रहा है। यह काफी हद तक कोयला आधारित बिजली उत्पादन पर निर्भर है क्योंकि भंडारण प्रौद्योगिकियां महंगी हैं और अभी तक व्यापक नहीं हैं।
पिछले साल, कोयला परिवहन समस्याओं के कारण भारत को छह साल से ज्यादा समय में अपने सबसे खराब बिजली संकट का सामना करना पड़ा। जबकि कोयला और हाइड्रोपावर क्षमता में इजाफा करने में देरी से रात के समय बिजली कटौती का खतरा बढ़ गया है, जब सोलर पावर (सौर ऊर्जा) उपलब्ध नहीं होती है।
देश 2030 तक नॉन-फॉसिल फ्यूल (गैर-जीवाश्म ईंधन) बिजली क्षमता को 186 गीगावॉट से बढ़ाकर 500 गीगावॉट करने का लक्ष्य बना रहा है।
क्या है पावरवॉल
Tesla Powerwall – फोटो : Tesla
टेस्ला की पावरवॉल लगभग एक मीटर ऊंची एक स्लीक यूनिट है जिसे गैरेज में या घर के बाहर लटकाने के लिए डिजाइन किया गया है।
2015 में मस्क के साथ टेस्ला के कैलिफोर्निया परिसर की यात्रा के दौरान, मोदी ने उत्पाद की समीक्षा की और बाद में कहा कि उन्हें इस बात पर चर्चा करने में मजा आया कि यह बैटरी टेक्नोलॉजी किसानों की कैसे मदद कर सकती है।
पावरवॉल का लक्ष्य घरेलू और हल्का वाणिज्यिक इस्तेमाल है, लेकिन अगर भारत के लिए बनाई योजना सफल होती है तो टेस्ला उद्योग के लिए बड़े समाधान विकसित करने पर विचार कर सकता है। दूसरे सूत्र ने ज्यादा विस्तार किए बिना कहा।
भारतीय अधिकारियों ने यह भी बताया है कि टेस्ला को अपने बैटरी भंडारण उत्पादों की लागत को कम करने पर काम करना होगा, पहले सूत्र ने कहा, सरकार उच्च मांग की उम्मीद के साथ बाजार को अनलॉक करने में मदद कर सकती है।
इंसेंटिव के साथ, कैलिफोर्निया में पावरवॉल की लागत 5,500 डॉलर (करीब 4.5 लाख रुपये) से ज्यादा है, जिसमें सौर पैनलों की अतिरिक्त लागत भी शामिल है। इस पर अमेरिकी फेडरल टैक्स क्रेडिट और सोलर और ऊर्जा भंडारण के लिए स्थानीय राज्य और यूटिलिटी इंसेंटिव मिलता है।
ह्यूस्टन और डलास में पावरवॉल यूजर्स, पहली बार, हाल ही में अपनी सरप्लस बिजली टेक्सास इलेक्ट्रिक ग्रिड को वापस बेचने पर सहमत हुए।