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देश के 14 राज्यों में हो रहे उपचुनाव होंगे अहम… नतीजों से मिल जाएंगे 5 राज्यों के संकेत…

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इम्पेक्ट डेस्क.

अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के पहले इस माह देश के 14 राज्यों में हो रहे लोकसभा के तीन और 30 विधानसभाओं के उपचुनाव काफी अहम होंगे। कोरोना की दूसरी लहर और किसान आंदोलन के बीच इन उपचुनावों से देश की भावी राजनीति की नब्ज टटोली जा सकती है। खासकर केंद्र और राज्यों के सत्ताधारी दलों के लिए उपचुनाव के नतीजे काफी मायने रखेंगे।

लोकसभा की तीन सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं। इनमें एक मध्य प्रदेश की खंडवा सीट है, जो भाजपा सांसद नंदकुमार चौहान के निधन से खाली हुई है। जबकि दूसरी सीट हिमाचल की मंडी की है, जो कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह के निधन से रिक्त है। इसके अलावा एक सीट दिवंगत मोहन डेलकर की दादरा नगर हवेली की है। इनके अलावा 14 राज्यों में 30 विधानसभा सीटों के लिए भी उपचुनाव भी होने हैं। इनमें आंध्र प्रदेश की एक, असम में पांच, मध्यप्रदेश में तीन, बिहार में दो, हरियाणा में एक, हिमाचल प्रदेश में तीन, कर्नाटक में दो, महाराष्ट्र में एक, मेघालय में तीन, मिजोरम में एक, नागालैंड में एक, राजस्थान में दो, तेलंगाना में एक और पश्चिम बंगाल में चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव शामिल है।

भाजपा नेतृत्व इन उपचुनाव को काफी गंभीरता से ले रहा है क्योंकि इससे विभिन्न स्थान पर जनता की नाराजगी और पसंद दोनों बातें सामने आ सकती है। खासकर आने वाले बड़े चुनाव के पहले पार्टी इनके जरिए सत्ता विरोधी माहौल को भी रख सकेगी। गौरतलब है कि जिन राज्यों में विधानसभा उपचुनाव होने हैं उनमें भाजपा इस समय असम, मध्य प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल व कर्नाटक में सत्ता में है। गौरतलब है कि भाजपा नेतृत्व में हाल में जिन राज्यों में नेतृत्व परिवर्तन भी किया है उसे पार्टी की भावी रणनीति के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके जरिए पार्टी ने अपने सत्ता विरोधी माहौल को खत्म करने की कोशिश की है।

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