छत्तीसगढ़ में ब्यूरोक्रेसी : पहली महिला सीएस बन सकती हैं रेणू पिल्लई… 2025 में सीएस समेत करीब तीन दर्जन आईएएस के प्रभार में बदलाव संभव…
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इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर।
छत्तीसगढ़ में आने वाले साल की शुरूआत के साथ ही यहां ब्यूरोक्रेसी में बड़े बदलाव होंगे। कुछ जिलों के कलेक्टर बदलेंगे, सचिव , प्रमुख सचिव के तौर पर प्रमोशन होगा और इसी साल अब तक का सबसे बड़ा कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्य सचिव की जगह नए प्रशासनिक मुखिया बनाए जाएंगे। यानी 2025 में छत्तीसगढ़ के मंत्रालय में बड़ी तादात में चेहरे बदलेंगे और जिलों से लेकर प्रशासनिक तंत्र में व्यापक फेरबदल का असर जमीन पर देखने को मिलेगा। संभव है छत्तीसगढ़ में पहली महिला सीएस के रूप में रेणू पिल्लई जिम्मेदारी संभाल सकती हैं।
सबसे पहले बात करेंगे राज्य के प्रशानिक मुखिया की जो 1989 बैच के माटी पुत्र है अमिताभ जैन छत्तीसगढ़ में सबसे लंबा कार्यकाल बिताने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया हैं। जो आगामी जून 2025 में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उनकी सेवा निवृत्ति से पहले सरकार उन्हें राज्य सूचना आयुक्त बनाकर सम्मानजनक विदाई दे सकती है। संभव है वे इसके लिए वीआरएस लेंगे और सूचना आयुक्त की जिम्मेदारी संभाल लेंगे। छत्तीसगढ़ में अमिताभ जैन से पहले विवेक ढांढ और पीजॉय ओम्मेन ही क्रमश: सबसे लंबी अवधि तक मुख्य सचिव रहे।
अमिताभ जैन के बाद शुरू होगी छत्तीसगढ़ में नए मुख्य सचिव की दौड़। इसके लिए फिलहाल सबसे सीनियर 1991 बैच की अधिकारी रेणु पिल्लई हैं। उनके बाद 1992 बैच में सुब्रत साहू, 1993 बैच में अमित अग्रवाल जो इस समय यूआईडी के सीईओ हैं। इन्हीं तीनों में से किसी एक को मुख्य सचिव बनाया जा सकता है जिसमें सबसे मुफीद नाम रेनू पिल्लई
आईएएस के कार्यकाल के गणित को इस तरह से समझा जा सकता है। आईएएस बनने के 16 साल बाद सचिव, उसके नौ साल बाद प्रमुख सचिव और उसके पांच साल के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव के तौर पर प्रमोशन तय होता है। यानी यदि राज्य निर्माण के दौरान मध्यप्रदेश से यहां आए 1995 से लेकर 2000 तक कुल पांच आईएएस सोनमणि बोरा, निहारिका बारिक सिंह, गौरव द्विवेदी, मनिंदर कौर द्विवेदी और सुबोध सिंह इस समय प्रमुख सचिव के पद पर हैं।
आईएएस दंपति मनिंदर और गौरव द्विवेदी का अतिरिक्त मुख्य सचिव में प्रमोशन जरूर हो जाएगा किंतु इसका लाभ प्रदेश को नहीं मिलेगा क्योंकि ये अभी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर है तब तीन प्रमुख सचिव ही रहेंगे। सुबोध सिंह की वापसी के साथ कुल तीन प्रमुख सचिव इस वक्त छत्तीसगढ़ मंत्रालय में हैं।
2000 से लेकर 2008 तक कुल 43 आईएएस सचिव स्तर के अधिकारी छत्तीसगढ़ में है जिनमें से 4 अधिकारी राज्य से बाहर अपनी सेवाएं दे रहे है इसी साल 2009 बैच वाले 11 अधिकारियों में से 10 का सचिव प्रमोशन होगा एक आईएएस समीर विश्नोई फिलहाल कोल घोटाले में जेल में है और बलौदा बाजार कांड के बाद केएल चौहान सस्पेंड हैं। यानी मंत्रालय में नौ सचिव के लिए जगह बनानी होगी। सचिव स्तर पर सभी अधिकारी को एडजस्ट करने के लिए कई अधिकारी जिनके पास दो या तीन विभाग है उन्हीं से एडजस्ट किया जाएगा।
इस सचिव स्तर के प्रमोशन में कम से कम दो कलेक्टर अवनीश शरण बिलासपुर और विपिन मांझी नारायणपुर का सचिव के तौर पर प्रमोशन हो जाएगा। इससे दो जिलों में कलेक्टर बदलना स्वाभाविक है। वहीं सरगुजा आयुक्त जीआर चुरेंद्र 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे तो वहां भी पदस्थापना करनी होगी।
रायपुर संभाग आयुक्त महादेव कांवरे के पास बिलासपुर संभाग का अतिरिक्त प्रभार है। ऐसे में बिलासपुर संभाग आयुक्त के रूप में भी किसी का पदस्थापना करनी होगी। मंत्रालय में भी शारदा वर्मा का 31 दिसंबर को सेवानिवृत होने से उनके प्रभार किसी ना किसी अधिकारी को सौंपा जाएगा।
यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए केंद्र से प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद अमित कटारिया अपनी आमद मंत्रालय में दे चुके है किंतु उन्हें भी अभी तक कोई विभाग नहीं दिया गया। वहीं डा. रोहित यादव को CDPCL और रजत कुमार को विशेष परियोजना में एडजस्ट किया जा चुका है। जबकि ये दोनों पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के दौर में मुख्यमंत्री सचिवालय का हिस्सा रहे।