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दिल्ली में NDA की बैठक से निकले बड़े संदेश- जातिगत जनगणना का समर्थन और ऑपरेशन सिंदूर को सैल्यूट

नई दिल्ली
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने रविवार को दिल्ली में एकजुटता का प्रदर्शन किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में 20 राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शामिल हुए. बैठक से तीन अहम राजनीतिक और रणनीतिक संदेश सामने आए. राष्ट्र की सुरक्षा पर निर्णायक कार्रवाई की सराहना, सामाजिक न्याय के लिए जातिगत जनगणना के समर्थन में प्रस्ताव और विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर व्यापक मंथन हुआ. इसके साथ ही बैठक से बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए की राजनीतिक रणनीति के संकेत भी साफ तौर पर उभरकर सामने आए हैं.

बैठक में ऑपरेशन सिंदूर और जातिगत जनगणना पर बधाई प्रस्ताव लाया गया. शिवसेना नेता और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अभिनंदन प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ की और कहा, ऑपरेशन सिंदूर ने आम भारतीयों में आत्मविश्वास और गर्व की नई भावना पैदा की है.
 
एकनाथ शिंदे ने कहा, हमने यह साबित कर दिया है कि 'जो हमसे टकराएगा, वह मिट्टी में मिल जाएगा.' यह केवल एक कहावत नहीं, बल्कि सच्चाई है. 'Operation Sindoor' ने सामान्य हिंदुस्तानियों को नया आत्मविश्वास और आत्मसम्मान प्रदान किया है. केंद्र सरकार की पॉलिसी, सेना के शौर्य, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साहस को हम सैल्यूट करते हैं.

'देश की जनता को पीएम मोदी पर गर्व है'
शिंदे का कहना था कि मोदी जी ने तीन दिन पहले ही कहा था, 'मोदी की नसों में लहू नहीं, बल्कि गरम सिंदूर बह रहा है'. मोदी जी, देश की 140 करोड़ जनता को आप पर गर्व है. देशवासियों का सौभाग्य है कि हमें आप जैसे साहसी, पराक्रमी और निस्सीम देशभक्त प्रधानमंत्री मिले. हम इस महत्वपूर्ण समय में अद्वितीय और पराक्रमी नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रति आभार व्यक्त करते हैं. विशेष रूप से ऐसी गंभीर सुरक्षा चुनौतियों पर काबू पाने में उन्होंने हमेशा हमारे रक्षा बलों को लगातार समर्थन दिया है. इतिहास ऑपरेशन सिंदूर को उन लोगों को करारा जवाब देने के रूप में याद रखेगा, जिन्होंने भारत की शांतिपूर्ण विकास यात्रा को विवादित करने की गलती की. यह भारत की संप्रभुता और भारतीयों की सुरक्षा को हर चीज से ऊपर रखने की एनडीए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को उजागर करता है.

'राष्ट्र हित के मामलों में सभी एकजुट हैं'
एकनाथ शिंदे ने आगे कहा, भारत किसी भी आतंकवादी हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा और यह भारत की शर्तों पर किया जाएगा. भारत कभी भी परमाणु ब्लैकमेल स्वीकार नहीं करेगा. भारत आतंकवादियों और उन्हें प्रायोजित करने वाली सरकारों के बीच अंतर नहीं करेगा. आने वाले दिनों में विभिन्न दलों के नेता विभिन्न देशों का दौरा करेंगे और शांति एवं आतंकवाद की बुराई को समाप्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता के बारे में बातचीत करेंगे. यह प्रधानमंत्री मोदी जी का एक स्टेट्समैन जैसा दृष्टिकोण है और दुनिया को एक स्पष्ट संदेश देता है कि राष्ट्रीय हित के मामलों में हम सभी एकजुट हैं.

शिंदे ने कहा, एनडीए एक सुरक्षित, समृद्ध और एकजुट भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में नए दृढ़-निश्चय के साथ काम करना जारी रखने का संकल्प लेता है. अंत में एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की परिषद के आयोजन के लिए मैं प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देता हूं.

बैठक में 18 डिप्टी सीएम भी रहे मौजूद
इससे पहले एनडीए की बैठक में शामिल होने पहुंचे पीएम मोदी का बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्वागत किया. एकनाथ शिंदे, पवन कल्याण समेत अन्य नेताओं ने वेलकम किया. बैठक में UP के सीएम योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो शामिल थे. 18 डिप्टी सीएम भी उपस्थित रहे.

दो प्रस्तावों पर मुहर
एनडीए की अहम बैठक का मकसद सुशासन और विकास की नई योजनाओं के साथ-साथ सियासी भी है. बिहार चुनाव भी एक मुद्दा है. बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए. दो प्रस्ताव भी पास किए गए.

बैठक के क्या मायने?
पहला प्रस्ताव भारतीय सशस्त्र बलों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता पर बधाई देने के लिए पारित किया गया. दूसरे प्रस्ताव में आगामी जनगणना के दौरान जातिगत आंकड़ों के संकलन के सरकार के फैसले की सराहना की गई. यह कदम खासतौर पर बिहार जैसे राज्य में सामाजिक संतुलन और प्रतिनिधित्व की मांगों से जोड़कर देखा जा रहा है. बिहार में जाति आधारित राजनीति पर एनडीए विपक्ष को घेरने का मौका नहीं देना चाहता है. जानकारों का मानना है कि यह प्रस्ताव सामाजिक न्याय को लेकर एनडीए के दृष्टिकोण को मजबूती देता है, बल्कि विपक्ष की इस मुद्दे पर मोनोपॉली को चुनौती देता है. बैठक में शामिल रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी और जातिगत जनगणना जैसे मुद्दे पर अभिनंदन प्रस्ताव आगामी चुनाव को लेकर एनडीए की तैयारियों की ओर इशारा करता है. 2024 में एनडीए-3 के गठन के बाद से ये पहली बड़ी बैठक है.