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बलूच पाकिस्तान की गर्दन मरोड़ने की तैयारी में, 51 ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले का दावा

नई दिल्ली

बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने क्षेत्रीय बदलाव की चेतावनी देते हुए कहा है कि साउथ एशिया में 'एक नई व्यवस्था जरूरी हो गई है.' इसने विदेशी प्रॉक्सी होने के दावों को खारिज कर दिया है. ग्रुप ने खुद को आने वाले वक्त में इलाके की एक गतिशील और निर्णायक पार्टी करार दिया है.

इसके अलावा, बीएलए ने दावा किया कि उसने पाकिस्तानी सैन्य और खुफिया साइट्स को निशाना बनाते हुए कब्जे वाले बलूचिस्तान में 51 से ज्यादा जगहों पर 71 हमले किए.

बीएलए ने कहा, "हम इस बात को मजबूती के साथ खारिज करते हैं कि बलूच राष्ट्रीय प्रतिरोध किसी राज्य या शक्ति का प्रतिनिधि है. बीएलए न तो मोहरा है और न ही मूक दर्शक. इलाके के मौजूदा और भविष्य के सैन्य, राजनीतिक और रणनीतिक गठन में हमारी अपनी सही जगह है और हम अपनी भूमिका के बारे में पूरी तरह से सचेत हैं."
बीएलए ने पाकिस्तान पर तीखा हमला करते हुए आतंकवाद को बढ़ावा देते हुए भ्रामक शांति बयानबाजी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. भारत को सीधे संबोधित करते हुए बीएलए ने कहा, "पाकिस्तान की तरफ से शांति, युद्ध विराम और भाईचारे की हर बात महज एक धोखा, जंग की रणनीति और एक अस्थायी चाल है."

इसमें कहा गया है, "यह एक ऐसा राज्य है, जिसके हाथ खून से रंगे हैं और जिसका हर वादा खून से लथपथ है."

51 से ज़्यादा जगहों पर हमला

बीएलए ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए दावा किया कि उसने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों के खिलाफ़ बड़े पैमाने पर हमला किया है. बीएलए के प्रवक्ता जीयंद बलूच के मुताबिक, "इस हफ्ते की शुरुआत में भारत-पाकिस्तान सैन्य तनाव के चरम पर रहा. बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सेना के लिए एक और मोर्चा खोल दिया, क्योंकि इसने कब्जे वाले बलूचिस्तान में 51 से ज़्यादा जगहों पर 71 हमले किए, जो कई घंटों तक चले."

टारगेट्स में सैन्य काफिले, खुफिया केंद्र और खनिज परिवहन वाहन शामिल थे. बलूच ने कहा, "इन हमलों का मकसद केवल दुश्मन को खत्म करना नहीं था, बल्कि आने वाले वक्त में मजबूत जंग के लिए तैयारी को ठोस करने के लिए सेना की तैयारी, जमीनी कंट्रोल और डिफेंस स्थिति को जांचना था."

बीएलए ने पाकिस्तान की सेना और खुफिया संस्था आईएसआई पर भी आरोप लगाया और इसे आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली जगह बताया. बयान में कहा गया, "पाकिस्तान न सिर्फ ग्लोबल आतंकवादियों को बढ़ावा देने की जगह है, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और आईएसआईएस जैसे घातक आतंकवादी समूहों के राज्य प्रायोजित विकास का केंद्र भी रहा है. आईएसआई इस आतंकवाद के पीछे का नेटवर्क है. पाकिस्तान हिंसक विचारधारा वाला परमाणु राज्य बन गया है."