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नारायणपुर में धर्मान्तरण के विरोध प्रदर्शन के दौरान एसपी पर हमला व बलवा करने के आरोपियों की ज़मानत पर रिहाई के बाद ज़ोरदार स्वागत… आदिवासी समाज ने लिया संकल्प…

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इम्पेक्ट न्यूज़। नारायणपुर।

नारायणपुर जिले में धर्मांतरण के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के दौरान हुई घटना। के बाद गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को बिलासपुर हाईकोर्ट ने ज़मानत पर रिहा करने का आदेश दिया। आज रिहाई के बाद नारायणपुर में ज़बरदस्त प्रदर्शन किया गया।

जेल से जमानत पर रिहा लोगो का जोरदार स्वागत किया गया । लोगों में भारी उत्साह रहा। इस दौरान धर्मांतरण से हो रहे सामाजिक विघटन को रोकने का संकल्प लिया। ऐसा करते हुए आपनी धार्मिक आस्थाओं और सामाजिक परम्पराओं को लेकर किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं करने का संकल्प लिया।

इस दौरान कोंडागांव जिले बयानार गांव में( 1,000 लोग), बुना गांव(500)और कसई परस गांव ( लगभग 1500-2000 लोग) तेलंगा, तेमारूगंव, बेनूर आदि गांवों में भारी संख्या में लोग स्वागत में शामिल हुए।

स्वागत करने वालो में मुरिया समाज, गोंड समाज, हलबा समाज के प्रमुख , मांझी, चालकी, पटेल, पुजारी आदि लोग उपस्थित थे। गोरख नाथ बघेल अध्यक्ष हल्बा समाज कोंडागांव, धनीराम सोरी मुरिया समाज अध्यक्ष कोंडागांव , भोजराज नाग संयोजक जनजाति सुरक्षा मंच, छत्तीसगढ़ प्रांत भी विशेष रूप से उपस्थित थे।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, 02.01.2023 को जनजातीय समुदाय द्वारा एक सामाजिक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें पुलिस अधिकारियों को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपना कर्तव्य निभाने के लिए सौंपा गया था। शिकायतकर्ता और उसके अधीनस्थों द्वारा कर्तव्य का पालन करते हुए, उन्हें सूचना मिली कि आदिवासी समुदाय के सदस्य तोड़फोड़ कर रहे हैं और पुलिस अधिकारियों के साथ मारपीट भी कर रहे हैं।

अभियोजन पक्ष ने न्यायालय को बता आवेदकों एवं अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप है कि उन्होंने अवैध जमावड़ा बनाकर पुलिस कर्मियों को उनके कर्तव्य पालन से रोकने के आशय से गाली-गलौज, धमकी एवं मारपीट की। आवेदकों द्वारा किए गए हमले में शिकायतकर्ता सोनबती मंडावी एएसआई, कश्मीर कुजूर, सोनबती पोटाई, सुखलाल कुमेती जो कि पुलिस कर्मी भी हैं, घायल हो गए।

बचाव पक्ष अधिवक्ता का कहना था कि आवेदक निर्दोष हैं, उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है। यह आगे प्रस्तुत किया गया है कि मुख्य विवाद आदिवासी समुदाय के प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच था। यह आगे प्रस्तुत किया गया है कि अन्य आरोपी व्यक्तियों, जिनके खिलाफ अपराध संख्या 04/2023 दर्ज किया गया है, को समन्वय पीठ द्वारा एमसीआरसी संख्या 1173/2023 में पारित आदेश दिनांक 03.3.2023 द्वारा पहले ही जमानत दे दी गई है। वे इसे आगे प्रस्तुत करेंगे। 3 पीड़ितों की मेडिकल रिपोर्ट में उन्हें हुई किसी भी गंभीर चोट का खुलासा नहीं किया गया है।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस एनके चंद्रवंशी ने सभी 12 आरोपियों संतेर सोढ़ी, रामलाल सोढ़ी, खेमचंद नेताम, श्यामलाल नेताम, राजकुमार नेताम, रामसिंह पोटाई, जुगधर कोर्राम, गढवाराम कोर्राम, बिश्वुराम मंडावी, राम सिंह वड्डे, सुखराम सलाम व सुंदरु कावडे की ज़मानत मंज़ूर कर ली। देखें आदेश

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आज सभी की रिहाई के दौरान एक बार फिर नारायणपुर का माहौल बदल गया। जिस तरह से इस मामले के आरोपियों की रिहाई पर प्रदर्शन किया गया इससे आगामी विधानसभा चुनाव में बस्तर में धर्मांतरण को लेकर आदिवासी समाज की संवेदनशीलता का व्यापक प्रभाव पड़ता दिख रहा है।