मोबाइल फोन के आविष्कारक मार्टिन कूपर ने लोगों को दी चेतावनी… बोले- मोबाइल का इस्तेमाल…
इम्पैक्ट डेस्क.
आज मोबाइल फोन के बिना व्यक्ति अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता है। बाजार से सब्जी खरीदनी हो या शॉपिंग करते समय पेमेंट करनी हो, हर चीज मोबाइल ने आसान बना दी है। यही वजह है कि लोग घंटों तक अपने मोबाइल से चिपके रहते हैं। लेकिन मोबाइल के प्रति लोगों के इस एडिकशन को देखते हुए खुद इसके आविष्कारक मार्टिन कूपर चिंता में हैं। उन्होंने लोगों को इसका इस्तेमाल कम करके अपनी जीवन को अच्छी तरह जीने की सलाह दी है।
साल 2013 में, मोबाइल फोन का आविष्कार करने वाले मार्टिन कूपर को मार्कोनी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार का नाम रेडियो आविष्कारक गुग्लिएल्मो मार्कोनी के नाम पर रखा गया। ऐसा इसलिए क्योंकि इस पुरस्कार को सूचना विज्ञान और संचार के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। लेकिन आविष्कार करने वाले मार्कोनी को इस आविष्कार को करने के बाद यह महसूस होने लगा कि लोग इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं।
सेल फोन के जनक माने जाने वाले अमेरिकी इंजीनियर मार्टिन कूपर, कहते हैं कि हमारी जेब में जो छोटा सा उपकरण है , उसमें इतनी असीम क्षमता है कि उससे एक दिन कई बीमारियों को भी जीतने में मदद मिल सकती है।
बावजूद इसके मार्कोनी इस बात पर चिंता प्रकट करते हैं जब वो किसी व्यक्ति को सड़क पार करते हुए भी अपने सेल फोन का इस्तेमाल करते हुए देखते हैं।
इतिहास में पहली बार सेलफोन के आविष्कारक ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि लोग वर्तमान में अपने गैजेट्स पर कितना समय व्यतीत करते हैं। उन्होंने बताया कि भले ही उन्होंने सेल फोन का अविष्कार किया हो लेकिन जिस तरह उनके पोते और परपोते उसका इस्तेमाल करते हैं वो शायद ही कभी कर पाएं।
बीबीसी ब्रेकफास्ट के साथ एक इंटरव्यू के दौरान, कूपर से इंटरव्यू लेने वाली महिला ने कहा, वह अपने फोन पर हर दिन पांच घंटे से अधिक समय बिताती है। उसने कूपर से पूछा, ‘आप मेरे जैसे किसी व्यक्ति से क्या कहेंगे, जो पांच घंटे से अधिक समय तक फोन का इस्तेमाल करता है?” इसका जवाब देते हुए कूपर ने कहा, “क्या आप वाकई फोन पर दिन में पांच घंटे बिताते हैं? ‘गेट ए लाइफ’.
मोबाइल फोन का आविष्कार करने वाले मार्टिन कूपर ने लोगों को सलाह दी है कि वह मोबाइल फोन का बेहद कम इस्तेमाल ही किया करें। उनका कहना है कि लोगों को वर्चुअल जिंदगी छोड़कर असल जिंदगी को जीना चाहिए।