सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने परीक्षा पे चर्चा की
- न्यूज डेस्क. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को परीक्षा पे चर्चा की। तालकटोरा स्टेडियम में पीम मोदी ने छात्रों को परीक्षा के तनाव से बचने के कई टिप्स दिए, जिनमें उन्होंने चंद्रयान-2 से लेकर क्रिकेट तक का जिक्र किया। पीएम मोदी ने चंद्रयान-2 का उदाहरण देकर छात्रों को बताया कि कैसे विफलता से निपटा जाए।
इससे पहले पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा से पहले प्रदर्शनियों का जायजा लिया। इस कार्यक्रम का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि छात्र तनावमुक्त होकर आगामी बोर्ड एवं प्रवेश परीक्षाएं दें। इस कार्यक्रम में करीब 2,000 छात्रों ने भाग लिया, जिनमें से 1,050 छात्रों का चयन निबंध प्रतियोगिता के जरिए किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि हम विफलताओं में भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं। हर प्रयास में हम उत्साह भर सकते हैं और किसी चीज में आप विफल हो गए तो उसका मतलब है कि अब आप सफलता की ओर चल पड़े हो।
पीएम मोदी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस देश में अरुणाचल ऐसा प्रदेश है, जहां एक दूसरे से मिलने पर जय-हिंद बोला जाता है। ये हिंदुस्तान में बहुत कम जगह होता है। वहां के लोगों ने अपनी भाषा के प्रचार के साथ हिंदी और अंग्रेजी पर भी अच्छी पकड़ बनाई है। हम सभी को नॉर्थ ईस्ट जरूर जाना चाहिए। क्या हम तय कर सकते हैं कि 2022 में जब आजादी के 75 वर्ष होंगे तो मैं और मेरा परिवार जो भी खरीदेंगे वो मेक इन इंडिया ही खरीदेंगे। मुझे बताइये ये कर्तव्य होगा या नहीं, इससे देश का भला होगा और देश की इकोनॉमी को ताकत मिलेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछली शताब्दी के आखरी कालखंड और इस शताब्दी के आरंभ कालखंड में विज्ञान और तकनीक ने जीवन को बदल दिया है। इसलिए तकनीक का भय कतई अपने जीवन में आने नहीं देना चाहिए। तकनीक को हम अपना दोस्त माने, बदलती तकनीक की हम पहले से जानकारी जुटाएं, ये जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि स्मार्ट फोन जितना समय आपका समय चोरी करता है, उसमें से 10 प्रतिशत कम करके आप अपने मां, बाप, दादा, दादी के साथ बिताएं।
तकनीक हमें खींचकर ले जाए, उससे हमें बचकर रहना चाहिए। हमारे अंदर ये भावना होनी चाहिए कि मैं तकनीक को अपनी मर्जी से उपयोग करूंगा। पीएम मोदी ने कहा कि आज की पीढ़ी घर से ही गूगल से बात करके ये जान लेती है कि उसकी ट्रेन समय पर है या नहीं। नई पीढ़ी वो है जो किसी और से पूछने के बजाए, तकनीक की मदद से जानकारी जुटा लेती है। इसका मतलब कि उसे तकनीक का उपयोग क्या होना चाहिए, ये पता लग गया।
पढ़ाई के साथ एक्ट्रा एक्टिविटी के बीच कैसे तालमेल बैठाए?
पीएम मोदी ने कहा कि अगर आप एक्स्ट्रा एक्टिविटी नहीं करेंगे तो रोबोट बन जाएंगे। क्या हम चाहते हैं कि हमारा यूथ रोबोट बन जाए? नहीं, वे ऊर्जा और सपनों से लबरेज हैं।
सिर्फ परीक्षा के अंक ही जिंदगी नहीं हैं, बस पड़ाव है- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं हैं। कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है। ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। लेकिन यही सब कुछ है, ऐसा नहीं मानना चाहिए। मैं माता-पिता से भी आग्रह करूंगा कि बच्चों से ऐसी बातें न करें कि परीक्षा ही सब कुछ है।
क्रिकेट का किया जिक्र
पीएम मोदी ने क्रिकेट से भी छात्रों को उदाहरण दिया। पीएम मोदी ने कहा कि 2002 में भारत वेस्टइंडीज में खेलनी गई थी। अनिल को चोट लगी। लोग सोचने लगे। वो बालिंग कर पाएंगे या नहीं। लेकिन उन्होंने तय किया वो खेलेंगे। पट्टी लगाकर वो खेले। उसके बाद लारा का विकेट लिया। इमोशन को मैनेज करने का तरीका सीखना होगा।