अब नहीं होंगे घोस्ट मतदाता, वोटर सूची में सुधार के लिए डेथ सर्टिफिकेट का डेटा लेगा चुनाव आयोग
नई दिल्ली
निर्वाचन आयोग वोटर लिस्ट अपडेट करने और चुनावी प्रक्रिया को और सटीक बनाने के लिए नई पहल शुरू कर रहा है. आयोग अब वोटर लिस्ट में सटीक सुधार के लिए सर्वेक्षण के साथ-साथ स्थानीय निकायों से डेथ सर्टिफिकेट का डेटा भी लेगा.
आयोग ने मतदाता सूचियों की सटीकता में सुधार लाने तथा नागरिकों के लिए मतदान प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से इस नई पहल को शुरू किया है. ये उपाय भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने हाल ही में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के सम्मेलन के दौरान चुनाव आयुक्तों डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में हुई चर्चा पर अमल के अनुरूप की हैं.
इलेक्ट्रॉनिक रूप से डेटा लेगा आयोग
आयोग अब मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 9 और जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 (जैसा कि 2023 में संशोधित किया गया है) की धारा 3(5)(बी) के अनुरूप भारत के महापंजीयक से इलेक्ट्रॉनिक रूप से मृत्यु पंजीकरण डेटा प्राप्त करेगा.
इससे ये सुनिश्चित होगा कि निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को पंजीकृत मौतों के बारे में वक्त पर जानकारी मिले. इससे बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) भी फॉर्म 7 के तहत औपचारिक अनुरोध की प्रतीक्षा किए बिना, फील्ड विजिट के माध्यम से जानकारी को फिर से सत्यापित करने में सक्षम होंगे.
नाम काटकर अपडेट कर देंगे वोटर लिस्ट
चुनाव आयोग ने बताया, वोटर के इलाके के बीएलओ उनके घर जाकर इस बात को सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए परिवार के वोटर के डेथ होने के बाद वोटर लिस्ट से नाम कटवाने के लिए जो फार्म नंबर-7 भरना होता था। उसका इंतजार किए बिना बीएलओ वोटर लिस्ट से उसका नाम काटकर वोटर लिस्ट को अपडेट कर सकेंगे।
जारी किए जा रहे विशेष आईडी कार्ड
चुनाव आयोग का यह कदम इस साल मार्च में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार द्वारा पैन इंडिया सीईओ कॉन्फ्रेंस में उठाए गए कदमों के अनुरूप है। इसके अलावा चुनाव के दौरान वोटरों को मिलने वाली वोटर इन्फर्मेशन स्लिप को भी और अधिक वोटर फ्रेंडली बनाया जा रहा है। इसके डिजाइन में बदलाव करते हुए पर्ची के टॉप में ही पार्ट नंबर और सीरियल नंबर को बोल्ड अक्षरों में लिखा जाएगा। इसके अलावा वोटरों के घरों में जाने वाले बीएलओ के लिए आयोग की तरफ से वोटरों और उनके परिवार की सुरक्षा की दृष्टि से विशेष आईडी कार्ड जारी किए जा रहे हैं। ताकि वोटरों को यह सुनिश्चित हो सके कि बीएलओ असली सरकारी कर्मचारी है।
मतदाता सूचना पर्चियों में होगा बदलाव
मतदाता सूचना पर्चियों (VIS) को मतदाताओं के लिए अधिक अनुकूल बनाने के लिए आयोग ने इसके डिजाइन में भी बदलाव करने का फैसला किया है. मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या अब अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी. साथ ही मतदान केंद्र की जानकारी देने वाले फ़ॉन्ट का आकार भी बढ़ाया जाएगा, जिससे मतदाताओं के लिए अपने मतदान केंद्र की पहचान करना आसान हो जाएगा. साथ ही मतदान अधिकारियों के लिए मतदाता सूची में उनके नाम को कुशलतापूर्वक ढूंढना भी आसान हो जाएगा.
आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13बी(2) के तहत ईआरओ द्वारा नियुक्त सभी बीएलओ को मानक फोटो पहचान पत्र जारी किए जाएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदाता सत्यापन और पंजीकरण अभियान के दौरान नागरिक बीएलओ को पहचान सकें और उनके साथ विश्वासपूर्वक बातचीत कर सकें. चुनाव संबंधी कर्तव्यों के निष्पादन में मतदाताओं और ईसीआई के बीच पहले इंटरफेस के रूप में, यह महत्वपूर्ण है कि घर-घर जाकर काम करने के दौरान बीएलओ को जनता आसानी से पहचान सके.