स्मार्टफोन्स और टैबलेट पर भी आएंगी रेटिंग
नई दिल्ली
एसी और रेफ्रिजरेटर समेत तमाम होम अप्लायंसेज में आपने रेटिंग देखी होगी। 3 स्टार या 5 स्टार रेटिंग सबसे कॉमन होती है। कुछ ऐसा ही कदम स्मार्टफोन्स और टैबलेट को लेकर भी उठाया जाने वाला है। एक रिपोर्ट के अनुसार, स्मार्टफोन और टैबलेट बनाने वाली कंपनियों को अपने प्रोडक्ट्स को रेटिंग देनी होगी। इसका मकसद ग्राहकों को यह बताना है कि प्रोडक्ट को रिपेयर करना कितना आसान होगा। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की एक कमिटी ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट दी है। इसमें ऐसा ढांचा बनाने की बात कही गई है, जिससे कंस्यूमर्स को सही जानकारी मिल पाए और वो किसी प्रोडक्ट को खरीदने से पहले फैसला ले सकें।
नया प्रोडक्ट खरीदने को मजबूर करती हैं कंपनियां
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में सचिव निधि खरे ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि कंपनियां हमेशा चलने वाली डिवाइस नहीं बना रहीं। वो ग्राहकों को नया प्रोडक्ट खरीदने को मजबूर कर रही हैं। कंपनियां जानबूझकर ऐसे प्रोडक्ट बना रही हैं, जो जल्दी खराब हो जाएं और कम टाइम तक चलें। उन्होंने कहा कि रिपेयरबिलिटी इंडेक्स को इसीलिए लाने की योजना है। इसका मकसद है कि कंपनियों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास हो। वह एक सिस्टम बनाएं। अपने प्रोडक्ट को रेट करें, जिससे कस्टमर उसे खरीदते वक्त सही फैसला कर पाए।
लैपटॉप, डेस्कटॉप को भी दायरे में लाने की तैयारी
नेशनल कंस्यूमर हेल्पलाइन पर इस मामले को लेकर 20 हजार शिकायतें मिली हैं। जांच के बाद यह कदम उठाया गया है। शुरुआत में नियमों के दायरे में स्मार्टफोन और टैबलेट आएंगे। बाद में इसमें लैपटॉप, डेस्कटॉप और अन्य प्रोडक्ट्स को भी शामिल किया जाएगा। समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिस पर मिनिस्ट्री को आगे काम करना है। जल्द कुछ गाइडलाइंस जारी हो सकती हैं।
प्रोडक्ट और वेबसाइट पर दिखानी होगी रेटिंग
रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने 5 पॉइंट रेटिंग स्केल का सुझाव दिया है। उसे प्रोडक्ट पैकेजिंग और वेबसाइट पर दिखाना की सलाह दी गई है। फोन और टैबलेट बनाने वाली कंपनियों को रेटिंग दिखानी होगी। रेटिंग इस बात पर निर्भर करेगी कि डिस्प्ले, बैटरी, कैमरा, चार्जिंग पोर्ट और स्पीकर को रिपयेर करना कितना आसान है। प्रोडक्ट ओपन करना कितना ईजी और उसमें किस तरह के स्क्रू व टूल्स यूज हुए हैं। स्पेयर पार्ट्स कितनी आसानी से मिल जाते हैं और सॉफ्टवेयर अपडेट को लेकर क्या पॉलिसी है। अगर कोई सर्विस अच्छी है तो उसे 5 रेटिंग दी जाएगी, जो ठीकठाक है, उसे तीन रेटिंग मिलेगी। शुरुआत में फीचर फोन्स को इस नियम से बाहर रखा जाएगा।