Madhya Pradesh

भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हुए शामिल, कहा, राज्यों में प्रतिस्पर्धा का माहौल

भोपाल
केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत मंगलवार को मध्य प्रदेश के भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की। वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी जीआईएस को लेकर बयान दिया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 को लेकर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जीआईएस मतलब ही यह है कि ग्लोबल लेवल पर जो-जो व्यापार करने आना चाहते हैं, वो सब लोग आ रहे हैं। उसका रिस्पॉन्स अच्छा और उम्मीद से ज्यादा मिल रहा है।

पूरी सफलता के साथ समिट संपन्न होगा। प्रदेश की बेहतरी और युवाओं के रोजगार के लिए, आर्थिक रूप से प्रदेश को समर्थ बनाने के लिए ये बहुत जरूरी था और ये हमने किया है। जीआईएस सफल होना परमात्मा के हाथ में है। हम लोग प्रयास कर रहे हैं। रिस्पॉन्स अच्छा मिला है।

वहीं, केंद्रीय मंत्री शेखावत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, ऐसे समिट के माध्यम से अपने प्रदेशों में निवेश आमंत्रित और आकर्षित करने को लेकर देश के सभी राज्यों में प्रतिस्पर्धा का माहौल है। मध्य प्रदेश ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को आमंत्रित करने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित किया है। राज्य में पर्यटन क्षेत्र की संभावनाओं को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने पर्यटन क्षेत्र में निवेश के लिए विभिन्न प्रोत्साहनों की घोषणा की है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 मध्य प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाएगा। मध्य प्रदेश में हमें बहुत सुनहरा भविष्य पर्यटन के दृष्टिकोण से आने वाले समय में देखने को मिलेगा।

बता दें कि भोपाल में सोमवार को शुरू ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन राज्य सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच एक लाख करोड़ रुपये का करार हुआ था। राजधानी के मानव संग्रहालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिवसीय समिट का उद्घाटन किया था। पहले दिन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विभिन्न निवेशकों से संवाद किया था। वहीं, सीएम मोहन यादव एवं लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह की उपस्थिति में राज्य सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच एक लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इससे लगभग 4010 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजनाओं का निर्माण एवं विकास किया जाएगा।