गोवा से भूटान शराब ले जा रहे कंटेनर से 10 पेटी बेच दी, ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज
बिलासपुर
आबकारी विभाग ने करीब 13 दिन पहले एक करोड़ की शराब जब्त की। जांच के दौरान पता चला कि कंटेनर के ड्राइवर ने 10 पेटी शराब पहले ही बेच दी थी। जांच के बाद आबकारी विभाग के सहायक जिला अधिकारी ने ड्राइवर के खिलाफ अमानत में खयानत और षड्यंत्र की धाराओं में जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है। आबकारी विभाग के सहायक जिला अधिकारी छबि पटेल ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 10 फरवरी को एक कार से 10 पेटी अंग्रेजी शराब जब्त की। कार के ड्राइवर रवि शर्मा ने बताया कि उसने एक कंटेनर के ड्राइवर से शराब ली है। इसके आधार पर छतौना के पास कंटेनर को रोककर जांच की गई।
बिलासपुर में उतारनी थी 30-40 पेटी
ड्राइवर ने जो दस्तावेज दिए, उससे पता चला कि शराब को गोवा से भूटान भेजा जा रहा था। दस्तावेज के मुताबिक कंटेनर में एक हजार पेटी शराब थी। इधर, जांच में पता चला कंटेनर में केवल 990 पेटी शराब थी। किसी ने कंटेनर के ड्राइवर शिव कुमार सैनी को बिलासपुर में 30-40 पेटी शराब उतारने कहा था।
ड्राइवर ने पहले ही बेच दी 10 पेटी शराब
इसके बदले उन्हें 50 हजार मिलने थे। इससे पहले ही उसने 10 पेटी शराब बेच दी थी। मामले की जांच के बाद अधिकारियों ने ड्राइवर शिव कुमार सैनी के खिलाफ अमानत में खयानत व षड्यंत्र की धाराओं में जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है। ड्राइवर फिलहाल आबकारी एक्ट के तहत जेल में बंद है।
किसके इशारे पर उतारी गई शराब
आबकारी विभाग की कार्रवाई के दौरान ड्राइवर शिव कुमार सैनी ने बिलासपुर में 30 से 40 पेटी शराब उतारने के लिए छतौना के पास ग्राहक का इंतजार करने की बात कही। उसने किसी पंकज सिंह का नाम लिया था। विभाग को अब तक पंकज सिंह की जानकारी नहीं मिल पाई है। मध्यप्रदेश के शराब ठेकेदारों से जुड़े पंकज सिंह के फार्म हाउस से पहले भी भारी मात्रा में शराब जब्त की गई थी। इधर आबकारी अमले की कार्रवाई के दौरान पंकज सिंह का नाम सामने आने के बाद ठेकेदार से जुड़े पंकज सिंह का नाम चर्चा में आ गया है।
परमिट है संदिग्ध, गोवा सरकार से किया गया पत्र व्यवहार
आबकारी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बिल्टी और परमिट की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि एक हजार पेटी गोवा से भूटान लेकर जाने का परमिट मिला है। इधर, छत्तीसगढ़ में परिवहन की परमिट वाहन में नहीं था। इसके आधार पर जांच आगे बढ़ाई गई है। गोवा सरकार से पत्र व्यवहार किया गया है। जांच के बाद पूरा मामला स्पष्ट होने की बात कही जा रही है।