सीएम हाउस को बदनाम कर रहे है विक्रम मंडावी : अजय सिंह… प्रेसवार्ता में युवा आयोग सदस्य ने विधायक पर लगाया CM को गुमराह करने का आरोप…
इम्पैक्ट डेस्क.
बीजापुर। मुख्यमंत्री के जनचौपाल कार्यक्रम के दौरान कुटरू में रोके जाने से आहत राज्य युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह ने एक बार फिर विधायक विक्रम मंडावी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस बार विक्रम पर सीएम हाउस को बदनाम करने का आरोप अजय ने लगाया है। मुख्यमंत्री के बीजापुर से प्रस्थान करने के फौरन बाद अजय ने पत्रकार भवन में पत्रवार्ता लेते कहा कि विधायक विक्रम मंडावी ने मुख्यमंत्री के सामने खुद को पाक साफ रखने मुझे कुटरू के कार्यक्रम में जाने से रोकने अफसरों पर दबाव बनाया और सीएम हाउस से दबाव होने की अफवाह उड़ाई ।
अजय का कहना था की वे राज्य युवा आयोग सदस्य की हैसियत से ना सही बल्कि आम नागरिक की हैसिलत से कार्यक्रम में पहुंचना चाहते थे, लेकिन जिले के एसपी ने हेलीपैड पर उनसे परिचय लेते बड़ी विनम्रता से उनसे वापस लौट जाने का निवेदन किया। इसके कुछ देर बाद कुटरू एसडीओपी ने भी उन्हें रोका, कारण पूछने पर सीएम हाउस से दबाव , उन्हें कार्यक्रम में जाने की अनुमति ना होने की बातें कही गई। अजय का दावा है कि उन्हें कार्यक्रम में जाने से रोकने के पीछे सीएम हाउस नहीं बल्कि विधायक विक्रम मंडावी का दबाव था, लेकिन विधायक ने अपने बचाव मंे सीएम हाउस को भी नहीं बख्शा। विधायक का यह कृत्य दुर्भाग्यजनक है।
पत्रवार्ता में जनचौपाल को लेकर भी अजय ने तीखी प्रतिक्रिया देते कहा कि कार्यक्रम के जरिए जो वास्तविकता सामने आनी चाहिए थी वो नहीं आ पाई। स्व सहायता समूह की जिस महिला को मुख्यमंत्री के सामने पेष किया गया था, जिसका दावा था कि गोठान का संचालन हो रहा है, मुर्गी पालन हो रहा है, सब्जी उत्पादन हो रहा है, यह बातें पूरी तरह से झूठ हैं। 1300 किलो गोबर क्रय जैसी बातें भी पूरी तरह से फर्जी हैं। प्री प्लान के तहत् मुख्यमत्री के सामने हितग्राहियों से झुठ बुलवाया गया। अपने निज स्वार्थ केलिए विधायक द्वारा उक्त महिला को अपने झूठ में भागीदार बनाया गया। अजय ने यह भी कहा कि कुटरू में उनके साथ जैसा सलूक हुआ, उसी इलाके के कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें व्यक्तिगत मैसेज कर इसकी भर्त्सना की।
विधायक पर बरस रहे अजय ने कहा कि अपने निजी स्वार्थ और कलई खुलने के डर से पूरे कार्यक्रम के दौरान विधायक प्रदेष के मुखिया को गुमराह करते रहें। एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि अगर पार्टी उन्हें दोबारा संगठन में शामिल करती है तो वे पहले की तरह जोष-उत्साह के साथ काम नहीं कर पाएंगे। लगातार उपेक्षित होते रहने से उनका मन अब राजनीति से उब गया है। अब वे राजनीति से सन्यास लेने का मन तक बना चुके हैं। यह बातें उन्होंने अपने परिवार से भी साझा की है। फिलहाल वे अपने अधिकार, सच्चाई के साथ हमेशा खड़े रहेंगे। मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी बातें रखने की कोषिष करेंगे, लेकिन अपने साथ हुए अन्याय से कतई समझौता नहीं करेंगे।
हालांकि बातों ही बातों में अजय ने लम्बी राजनीति के बाद आने वाले दिनों में राजनीति से सन्यास लेने के संकेत जरूर दे दिए है। उन्हें इस बात की आषंका भी है कि आने वाले दिनों में शायद उन्हें राज्य युवा आयोग सदस्य के पद से भी हटा दिया जाए। फिलहाल मुख्यमंत्री के लौटने के बाद अजय ने विधायक पर कई गंभीर आरोप लगाए है, जिसकी चर्चा जोरों पर हैं।