वैकुंठ एकादशी पर भक्तों ने उत्तर द्वार से किये भगवान बालाजी के दर्शन…
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सीजी इम्पैक्ट न्यूज़
जगदलपुर, 24 दिसम्बर । वैकुंठ एकादशी के पावन अवसर पर श्री बालाजी मंदिर में उत्तर द्वार से बालाजी भगवान के दर्शन का सौभाग्य भक्तों को प्राप्त हुआ। वैकुंठ एकादशी जिसे तेलुगु पंचांग के अनुसार मुक्कोटी एकादशी भी कहा जाता है, यह सनातन धर्मावलंबियों विशेष तौर पर वैष्णवों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। आमतौर पर हर साल दिसम्बर या जनवरी के महीने में यह तिथि आती है। इस विशेष तिथि पर वैष्णव मंदिरों का उत्तर द्वार भक्तों के लिए खोला जाता है। श्री बालाजी मंदिर के प्रधान अर्चक पंडित श्रीकांत ने जानकारी देते बताया कि यह तिथि वर्ष में पड़ने वाली सभी शेष 23 एकादशियों के बराबर अकेले अपना महत्व रखता है। अर्थात् यदि कोई इस दिन देव दर्शन या आराधना करता है तो पौराणिक मान्यतानुसार वर्ष में पड़ने वाले सभी 24 एकादशी पर देव दर्शन या आराधना करने के बराबर है। जैसा कि हम जानते हैं, वैकुंठ एकादशी मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष के 11वें दिन आती है। इस लिहाज़ से इस साल में मुक्कोटि एकादशी या वैकुंठ एकादशी 23 दिसंबर शनिवार को पड़ी।
मान्यता है कि वैकुंठ एकादशी के दिन स्वर्ग (वैकुंठ) के दरवाजे खुलते हैं। इसी लिए वैष्णव मंदिरों में वैकुंठ या उत्तर द्वार दर्शनम का विशेष महत्व है। वैकुंठ एकादशी के पावन अवसर पर भक्तों को वैकुंठ द्वार से गुजरने का सौभाग्य प्राप्त होगा। इसी तर्ज़ पर शनिवार को श्री बालाजी मंदिर, जगदलपुर में भी भक्तों के लिए भगवान के दर्शनार्थ उत्तर दिशा के कपाट खोले गये थे। टेंपल ट्रस्ट के चेयरमैन ए. वीरराजु ने बताया कि मुक्कोटी एकादशी के अवसर पर भगवान बालाजी के दर्शन हेतु हज़ारों की संख्या में शहर के साथ साथ दूर दूर से श्रद्धालु पहुँचें हुए थे। श्री बालाजी टेंपल कमेटी दि बस्तर डिस्ट्रिक्ट आंध्र एसोसिएशन ट्रस्ट एवं बस्तर ज़िला आंध्र समाज द्वारा सभी भक्तों से इस पावन अवसर का लाभ लेने का आव्हान पहले ही किया गया था।