दिल्ली को रायपुर के सम में लाने वाले राजेंद्र जी नहीं रहे…
सुदीप ठाकुर। वरिष्ठ आलोचक डॉ. राजेंद्र मिश्र नहीं रहे। उनके निधन की खबर मिलते ही बहुत सी स्मृतियां ताजा हो गईं। देशबंधु में उनका आना जाना लगा रहता था। देशबंधु ने जब साहित्य वार्षिकी शुरू करने का फैसला किया था , तब ललित सुरजन जी ने उन्हें अतिथि संपादक बनाया था। अक्षर पर्व के नाम से निकली इस वार्षिकी के संपादक थे विनोद वर्मा। देश के साहित्य जगत में यह एक बड़े धमाके की तरह था। उस समय तक दिल्ली से निकलने वाली प्रतिष्ठित पत्रिका इंडिया टुडे कई साहित्यिक वार्षिकी
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