District Raipur

छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना का शुभारंभ शीघ्र… इस योजना से लाभान्वित होंगे राज्य के लगभग 4.50 लाख भूमिहीन परिवार… मुख्यमंत्री ने श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी ,श्रीमती प्रियंका गांधी सहित वरिष्ठ नेताओं को शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होने का दिया न्योता…

इंपैक्ट डेस्क. रायपुर।

भूमिहीन परिवारों को प्रतिवर्ष मिलेंगे 6000 रुपये.

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना के शुभारंभ अवसर पर सांसद एवं कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, सांसद श्री राहुल गांधी, श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं को बतौर अतिथि छत्तीसगढ़ आने का आमंत्रण दिया है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना का शुभारंभ शीघ्र होने जा रहा है । इस योजना के तहत ग्रामीण भूमिहीन परिवारों को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रतिवर्ष 6000 रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है ।शुभारंभ के दिन प्रथम किस्त सीधे भूमिहीन परिवारों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी । इस योजना के तहत भूमिहीन ,मनरेगा मजदूर सहित नाई, धोबी, लोहार ,पुजारी भी लाभान्वित होंगे।

भूमिहीन परिवारों को लाभान्वित करने कि छत्तीसगढ़ सरकार की यह अभिनव योजना है। इस तरह की योजना देश के अन्य राज्यों में कहीं नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस योजना के लिए वर्ष 2021 -22 के बजट में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी के नाम पर राज्य में किसानों को फसल उत्पादकता और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2020 में राजीव गांधी किसान न्याय योजना प्रारंभ की थी । इस योजना के तहत राज्य के लगभग 22 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं। राज्य में किसानों को इस योजना के तहत अब तक 10,176 करोड़ रुपए से अधिक की राशि सीधे मदद के तौर पर उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की जा चुकी है। आगामी मार्च माह के आखिर तक 22 लाख किसानों को योजना की चौथी किस्त के रूप में लगभग 1500 करोड़ रुपए और दिए जाएंगे । राजीव गांधी किसान न्याय योजना में खरीफ की सभी प्रमुख फसलों के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों और वृक्षारोपण को भी शामिल किया गया है । ख़रीफ़ 2021 के सभी उत्पादक कृषकों को प्रति एकड़ के मान से 9000 रूपये के अनुदान सहायता देने का प्रावधान है।