सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले दूसरे नेता बने नवीन पटनायक… 23 सालों से हैं ‘अजेय’…
इम्पैक्ट डेस्क.
भारतीय राजनीति में आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि प्रभावी भाषण देने और लगातार चर्चा में बने रहने वाले नेता ही लंबे समय तक सत्ता में रह सकते हैं लेकिन ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस परिपाटी को झूठा साबित किया है। अपनी शांत और निर्विवाद छवि के साथ नवीन पटनायक क्षेत्रीय राजनीति में अभी तक अजेय बने हुए हैं। केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी, यूपीए की सरकार हो या फिर नरेंद्र मोदी की पूर्ण बहुमत वाली मजबूत सरकार, लेकिन कोई भी ओडिशा की राजनीति में नवीन पटनायक से पार नहीं पा सका है।
सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले दूसरे नेता
रविवार को नवीन पटनायक देश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले दूसरे नेता बन गए हैं। मुख्यमंत्री रहते हुए नवीन पटनायक को 23 साल 139 दिन का समय हो गया है और ओडिशा की राजनीति में उनके कद को देखते हुए पूरी उम्मीद है कि अगले कार्यकाल में भी वह राज्य का नेतृत्व करेंगे।
पांच बार रहे हैं मुख्यमंत्री
नवीन पटनायक को ओडिशा का सीएम रहते हुए पांच कार्यकाल हो चुके हैं। पांच मार्च 2000 को पहली बार नवीन पटनायक ने ओडिशा के सीएम पद की शपथ ली थी और उसके बाद से लगातार वह इस पद पर काबिज हैं। नवीन पटनायक ने सीपीआई (एम) के दिग्गज नेता ज्योति बसु का रिकॉर्ड तोड़ा है, जो 23 साल 137 दिनों तक पश्चिम बंगाल के सीएम रहे। ज्योति बसु 21 जून 1977 से 5 नवंबर 2000 तक मुख्यमंत्री रहे।
चामलिंग हैं सबसे लंबे समय तक सीएम रहने वाले नेता
सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग अभी भी देश के सबसे लंबे समय तक सीएम रहने वाले नेता हैं। चामलिंग 12 दिसंबर 1994 से लेकर 26 मई 2019 तक सिक्किम के मुख्यमंत्री रहे और कुल 25 साल सीएम ऑफिस में गुजारे। नवीन पटनायक की ओडिशा की राजनीति पर पकड़ को देखते हुए माना जा रहा है कि पटनायक, चामलिंग का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।
पिता की छत्रछाया से निकलकर बनाई अपनी अलग पहचान
नवीन पटनायक के पिता देश के दिग्गज नेता बीजू पटनायक हैं। पिता के साल 1997 में निधन के बाद ही देहरादून और दिल्ली में पढ़ाई करने वाले नवीन पटनायक की राजनीति में एंट्री हुई। नवीन पटनायक पहली बार अपने पिता की लोकसभा सीट असका पर हुए उपचुनाव में जनता दल के टिकट पर जीतकर संसद पहुंचे। हालांकि कुछ ही महीनों बाद नवीन पटनायक ने अपने पिता के कुछ करीबी नेताओं के साथ मिलकर नई पार्टी बीजू जनता दल का गठन कर लिया और साल 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में जीतकर राज्य के सीएम बने और तब से ही अजेय बने हुए हैं।
ओडिशा की बदली तस्वीर
ओडिशा, चक्रवाती तूफानों से बहुत प्रभावित रहा है और साल 1999 में आए एक चक्रवाती तूफान में राज्य में 10 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी और राज्य की आर्थिक हालत भी अच्छी नहीं थी। ऐसे मुश्किल वक्त में पटनायक ने राज्य की कमान संभाली और आज ओडिशा की गिनती लगातार विकास कर रहे राज्य के रूप में होती है और चक्रवाती तूफान से होने वाले नुकसानों को रोकने में भी ओडिशा ने गजब का नियंत्रणल किया है। यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र ने भी नवीन पटनायक को सम्मानित किया था।
नवीन पटनायक के बारे में कहा जाता है कि वह अभी भी धारा प्रवाह उड़िया भाषा नहीं बोल पाते लेकिन हमेशा सादे कुर्ते पायजामे में रहने वाले बीजद प्रमुख ने अपनी सादगी, जनकल्याणकारी योजनाओं और निर्विवाद छवि से राज्य के लोगों का भरोसा जीता है। नवीन पटनायक के बारे में अच्छी बात ये है कि उनके सभी पार्टियों के नेताओं के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। अपनी सरकार की नीतियों से पटनायक ने ग्रामीण महिलाओं, बुजुर्गों और किसानों का ऐसा वोटबैंक तैयार किया है, जो हमेशा से उनके प्रति वफादार रहा है।