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आंध्र में जगन मोहन या चंद्रबाबू, किसके साथ BJP का गठबंधन? मंथन जारी

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हाल ही में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की मुलाकात हुई। भाजपा इस राज्य में अभी तक गठबंधन के लिए साथी नहीं ढूंढ पाई है। राज्य की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) दोस्ती के लिए इच्छुक है। वहीं, मुख्य विपक्ष तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) को भी उम्मीद है कि उसका एनडीए में दोबारा स्वागत किया जाएगा।

जगन मोहन रेड्डी ने नए संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात से पहले उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से चर्चा की थी।

रेड्डी की भाजपा नेताओं से मुलाकात पर चंद्रबाबू नायडू की करीबी नजर जरूर बनी होगी। वह बीते कुछ दिनों से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। इससे पहले उन्होंने अमित शाह से मुलाकात की थी। सूत्रों संकेत दिया था कि भाजपा ने आंध्र प्रदेश में एक साथ होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए टीडीपी और उसकी सहयोगी जन सेना पार्टी (जेएसपी) के साथ एक समझौता किया है।

हालांकि, अब जगनमोहन रेड्डी की मुलाकात ने अटकलों को जन्म दे दिया है। आपको बता दें कि वाईएसआरसीपी ने लगभग हर महत्वपूर्ण अवसर पर केंद्र में भाजपा को संसद में समर्थन दिया है। माना जाता है कि वाईएसआरसीपी को राज्य में अल्पसंख्यकों का समर्थन प्राप्त है। इसलिए वह इस बात से सावधान है कि गठबंधन राज्य और राष्ट्रीय चुनावों में उसकी संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है।

जगन ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वह चाहते हैं कि अगले लोकसभा चुनाव में कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में न आए। सूत्रों का कहना कि उनकी बात बीजेपी को अच्छी नहीं लगी। माना जाता है कि पिछले सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन के बीच कथित कौशल विकास निगम घोटाले में चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी भी बीजेपी को पसंद नहीं आई है।

वाईएसआरसीपी भाजपा के साथ आने को इच्छुक है। उसके नेताओं ने कहा कि पार्टी भाजपा के खिलाफ हमला नहीं करेगी, भले ही वह अंततः टीडीपी-जेएसपी के साथ गठबंधन कर ले। उन्होन कहा, “हमें भाजपा पर हमला क्यों करना चाहिए? हमारी एक समान दूरी की नीति है।''

जगन को भी केंद्रीय एजेंसियों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक, कम से कम दो मौजूदा सांसद भाजपा के साथ आने के लिए चर्चा कर रहे हैं। दो सांसदों ने हाल ही में पार्टी छोड़ दी है। उनमें रघु राम कृष्ण राजू (नरसापुरम) और लावु श्री कृष्ण देवरायलु (नरसारावपेट) शामिल हैं।

टीडीपी लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के साथ पांच से छह सीटें साझा करने के लिए तैयार है। सूत्रों ने कहा कि भाजपा अपने सिंबर पर अधिकतम सीटें जीतने की इच्छुक है। उसने अधिक सीटों की मांग की है। बताया जा रहा है कि दोनों पार्टियों के बीच कई महीनों से बातचीत चल रही है और अब सीटों के बंटवारे पर आगे चर्चा होगी। सूत्रों का कहना है कि नायडू सत्ता में वापसी के लिए संघर्ष कर रहे हैं इसलिए वह अधिक समझौता करने के लिए तैयार हैं। वह भाजपा नेतृत्व का विश्वास और समर्थन हासिल करना चाहते हैं।

भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इसमें सिर्फ अपनी जीत देख रहा है, क्योंकि वाईएसआरसीपी के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध और टीडीपी-जेएसपी के साथ आधिकारिक गठबंधन आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से कम से कम कुछ सीटों पर भगवा पार्टी के लिए जीत सुनिश्चित करेगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी ने 22 सीटें और टीडीपी ने 3 सीटें जीती थीं।

प्रदेश भाजपा को गठबंधन को लेकर आपत्ति है। राज्य के कई नेताओं का मानना है कि भाजपा के लिए अपने कैडर को मजबूत करने और दक्षिणी राज्य में अपनी जड़ें फैलाने के लिए अकेले चुनाव लड़ना बेहतर है।