D-Bilaspur-DivisionDistrict bilaspur

IPL 2025: बिलासपुर की हर गलियों में सटोरिए सक्रिय, क्रिकेट पर लगा रहे दांव

बिलासपुर
आईपीएल के शुरू होते ही शहर में सट्टेबाजों का नेटवर्क फिर से सक्रिय हो गया है। हर गली-मोहल्ले में इनके गुर्गे घूम रहे हैं और क्रिकेट मैचों पर जमकर सट्टा लगवा रहे हैं। खास बात यह है कि पुलिस और एसीसीयू (एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट) की टीम इससे बेखबर नजर आ रही है, जिससे सटोरियों के हौसले बुलंद हो गए हैं।

आईपीएल शुरू होते ही शहर के पुराने और कुख्यात सटोरिए फिर से सक्रिय हो चुके हैं। मगर, खुद सामने आने के बजाय उन्होंने अपने गुर्गों को मैदान में उतार दिया है। तोरवा पुरानी बस्ती, देवरीखुर्द, विनोबा नगर, राजकिशोर नगर और सिंधी कॉलोनी में कई ऐसे पुराने सटोरिए हैं, जो आईपीएल शुरू होते ही अंडरग्राउंड हो गए हैं।

अब वे अपने नेटवर्क को मोबाइल पर ऑपरेट कर रहे हैं। मोबाइल और ऑनलाइन माध्यमों से लोगों को सट्टे में फंसा रहे हैं। हर साल आईपीएल के दौरान सट्टेबाज करोड़ों रुपये का खेल करते हैं। यह सट्टा सिर्फ बड़े बुकी ही नहीं बल्कि उनके छोटे-छोटे एजेंटों के जरिए भी चलाया जाता है।

कई इलाकों में बनाए बुकिंग के लिए ठिकाने
शहर के कई इलाकों में सट्टे की बुकिंग के लिए ठिकाने बनाए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, हर रोज लाखों रुपये की सट्टेबाजी हो रही है और इसमें कई स्थानीय युवाओं को भी शामिल किया गया है।

सट्टेबाजी का यह खेल कॉल पर चल रहा है, जिसमें एक तयशुदा सिस्टम के तहत पैसे का लेनदेन किया जा रहा है। गली-मोहल्लों में बैठे छोटे गुर्गे सट्टे की एंट्री कर रहे हैं और फिर बड़ी रकम बुकी तक पहुंचा रहे हैं।

लंबे समय से नहीं हुई कार्रवाई
बिलासपुर के अलग-अलग क्षेत्र में सटोरिए सक्रिय हैं। पुराने सटोरियों के गुर्गे शहर के प्रमुख जगहों पर अपना कारोबार चला रहे हैं। इसके बाद भी पुलिस सटाेरियों पर कार्रवाई नहीं कर पा रही है। लंबे समय से ऑनलाइन सट्टा चलाने वालों पर पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं की गई है। उपर से आदेश मिलने पर सटोरियों के गुर्गों को पकड़कर खानापूर्ति की कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस और एसीसीयू की सेटिंग से चल रहा खेल
शहर में सट्टेबाजी के इस बढ़ते खेल को लेकर पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। आमतौर पर आईपीएल के दौरान पुलिस सक्रियता दिखाती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। इससे सटोरिए निडर होकर अपना कारोबार चला रहे हैं।

सटोरियों की सक्रियता से पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि पुलिस और एसीसीयू के कुछ लोगों से सेटिंग कर ऑनलाइन सटोरिए सक्रिय हैं। ऑनलाइन सटोरियों के ठिकानों की जानकारी साइबर सेल से ही निकाली जा सकती है।