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मार्च में रिकॉर्ड तोड़ GST कलेक्‍शन, 11.5% उछल ₹1.78 लाख करोड़ पहुंचा

नई दिल्‍ली
मार्च में छप्‍परफाड़ जीएसटी कलेक्‍शन हुआ है। यह सालाना आधार पर 11.5 फीसदी बढ़ा है। इस बढ़त के साथ कुल गुड्स एंड सर्विस टैक्‍स (जीएसटी) कलेक्‍शन 1.78 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह कलेक्‍शन का अब तक का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह उछाल घरेलू लेनदेन से जीएसटी संग्रह में 17.6 फीसदी की जोरदार बढ़ोतरी के कारण आया। मार्च 2024 के लिए रिफंड का जीएसटी रेवेन्‍यू शुद्ध ₹1.65 लाख करोड़ है। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 18.4% की बढ़ोतरी है।

वित्त वर्ष 2023-24 ग्रॉस जीएसटी कलेक्‍शन के मामले में मील का पत्थर है। इसमें 20.14 लाख करोड़ रुपये कलेक्‍शन हुआ। पिछले साल के मुकाबले में यह 11.7% की बढ़ोतरी है। इस वित्तीय वर्ष के लिए औसत मासिक संग्रह ₹1.68 लाख करोड़ रहा है। यह पिछले वर्ष के औसत ₹1.5 लाख करोड़ से ज्‍यादा है। चालू वित्त वर्ष के लिए मार्च 2024 तक रिफंड का जीएसटी रेवेन्‍यू शुद्ध ₹18.01 लाख करोड़ है। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 13.4 फीसदी की बढ़ोतरी है।

सभी कंपोनेंट में पॉजिटिव परफॉरमेंस

मार्च 2024 के कलेक्शन का ब्‍योरा

-केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी): ₹34,532 करोड़
-राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी): ₹43,746 करोड़
-एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी): ₹87,947 करोड़ (इसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र ₹40,322 करोड़ शामिल हैं)
– सेस: ₹12,259 करोड़ (इसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र ₹996 करोड़ शामिल हैं।)

इंटर-गवर्नमेंटल सेटेलमेंट: मार्च, 2024 में केंद्र सरकार ने आईजीएसटी से सीजीएसटी में ₹43,264 करोड़ और एसजीएसटी में ₹37,704 करोड़ सेटेल किया। यह नियमित निपटान के बाद मार्च, 2024 के लिए सीजीएसटी के लिए ₹77,796 करोड़ और एसजीएसटी के लिए ₹81,450 करोड़ का कुल राजस्व है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार ने एकत्रित आईजीएसटी से सीजीएसटी को ₹4,87,039 करोड़ और एसजीएसटी को ₹4,12,028 करोड़ का निपटान किया।

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘मार्च, 2024 के लिए सकल जीएसटी राजस्व में सालाना आधार पर 11.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.78 लाख करोड़ रुपये का दूसरा सबसे बड़ा संग्रह देखा गया। घरेलू लेनदेन में 17.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने से कर संग्रह में यह उछाल दर्ज किया गया।’’ मार्च महीने में रिफंड के बाद शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.65 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 18.4 प्रतिशत अधिक है।