दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए नामांकन का दौर चल रहा है, कभी AAP के लिए किया काम, अब मुश्किलें बढ़ाने में जुटे
नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए नामांकन का दौर चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के बीच असली दंगल है। लेकिन अखाड़े में कई और पहलवान ताल ठोक रहे हैं। अब भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) ने भी दिल्ली की दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। मुनीश रायजादा की अगुआई वाली पार्टी के उम्मीदवारों ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली और चांदनी चौक से नामांकन दाखिल किया है।
बीएलपी ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली सीट से वरिष्ट पत्रकार संजीव पांडे को टिकट दिया है। इस सीट पर भाजपा ने जहां मौजूदा सांसद मनोज तिवारी को एक बार फिर चुनाव में उतारा है तो 'इंडिया' गठबंधन ने कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार पर दांव लगाया है। बीएलपी ने योगेंद्र सिंह उर्फ योगी माथुर को चांदी चौक से चुनाव लड़ाया है जोकि एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। इस सीट पर उन्हें प्रवीण खंडेलवाल और जेपी अग्रवाल जैसे उम्मीदवारों से मुकाबला करना होगा।
आम आदमी पार्टी के नेता रहे हैं रायजादा
बीएलपी के संस्थापक मुनीश रायजादा कभी आम आदमी पार्टी के नेता रहे हैं। पेशे से डॉक्टर रायजादा आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी रह चुके हैं। लेकिन 2015 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में उन्हें निष्कासित कर दिया गया था। पहले अमेरिका में रहने वाले रायजादा वहां पार्टी के लिए समर्थन और फंड जुटाते थे। आम आदमी पार्टी से अलगाव के बाद अब भारत आकर राजनीतिक दल का गठन कर चुके हैं। वह खुद को भ्रष्टाचार के खिलाफ बताते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए दिखते हैं।
केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश में भी नाम
हाल ही में जब दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश की तो मुनीश रायजादा का नाम चर्चा में आ गया। राजभवन की ओर से गृहमंत्रालय को लिखे लेटर में रायजादा का भी जिक्र किया गया है। दरअसल, रायजादा ने अरविंद केजरीवाल की कथित तौर पर खालिस्तानी नेताओं से मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर कुछ दावे किए थे। शिकायत में इन ट्वीट्स को भी आधार बनाया गया है। रायजादा ने ये दावे प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस के गुरुपतवंत सिंह पन्नू की ओर से यह आरोप लगाए जाने के बाद किए थे कि केजरीवाल ने उससे 16 मिलियन डॉलर हासिल किए थे। पन्नू का आरोप है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आतंकी दवेंद्र पाल सिंह भुल्लर को रिहा कराने का वादा किया था।