फर्जी डॉक्टर और 9 मौतें : यहां चल रहा था फर्जी इलाज वाला रैकेट…
इम्पैक्ट डेस्क.
डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है क्योंकि वो डॉक्टर ही हैं जो मरीजों को मौत के मुंह से बाहर लाते हैं और उन्हें नई जिंदगी देते हैं। लेकिन इसके पीछे कोई चमत्कार नहीं बल्कि सालों की उनकी मेहनत होती है। कड़ी मेहनत और डॉक्टर की डिग्री हासिल करने के बाद वो इस काबिल बनते हैं। लेकिन कुछ लोग इसमें भी फर्जीवाड़ा करने से बाज नहीं आते। हील ही में दिल्ली पुलिस ने ऐसे ही कुछ झौलाछाप डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है।
ये गिरफ्तारी दिल्ली के पॉश इलाके ग्रेटर कैलाश से हुई है। दरअसल यहां एक क्लिनिक में सर्जरी के बाद 44 साल के व्यक्ति की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो डॉक्टर भी शामिल हैं जो बिना डिग्री के मरीजों की सर्जरी कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए लोग ग्रेटर कैलाश पार्ट-1 में मेडिकल सेंटर चला रहे थे। वहीं गिरफ्तारी के बाद जांच में कई खुलासे हुए हैं।
अब तक 9 मरीजों की मौत
जांच में सामने आया है कि अग्रवाल मेडिकल सेंटर के निदेशक डॉ. नीरज अग्रवाल, उनकी पत्नी पूजा और मेडिकल सेंटर के खिलाफ दिल्ली मेडिकल काउंसिल में नौ शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें इलाज में लापरवाही के चलते अब तक नौ मरीजों की मौत हो चुकी है।
पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी ने बताया कि 27 अक्तूबर को ईस्ट ऑफ कैलाश-एक स्थित गढ़ी गांव निवासी 44 वर्षीय मरीज जय नारायण के भाई ने पुलिस को शिकायत दी थी। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपने भाई को पित्ताशय की पथरी के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था, मगर ऑपरेशन के बाद उनकी मौत हो गई। भाई ने जब डॉक्टरों से मरीज की मौत का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सफल रहा था, लेकिन उसके बाद हार्ट अटैक आने से जयनारायण की मौत हो गयी.
मेडिकल बोर्ड के चार डॉक्टर निरीक्षण करने पहुंचे
पीड़ित की शिकायत पर 1 नवंबर को मेडिकल बोर्ड के चार डॉक्टर जब अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां कई कमियां मिलीं। छानबीन में पता चला कि अग्रवाल मेडिकल सेंटर के निदेशक डॉ. नीरज अग्रवाल मरीजों के इलाज और सर्जरी से संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे। इसके बाद मरीजों को सौंप देते थे।
लाइसेंस रद्द कराने के लिए काउंसिल को पत्र लिखा
पुलिस उपायुक्त ने अग्रवाल मेडिकल सेंटर का लाइसेंस रद्द कराने के लिए दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष को पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि साल 2016 से अब तक के सात सालों में कुल नौ मरीजों की जान मेडिकल सेंटर की लापरवाही के चलते गई है। मई 2022 में भी आरोपी डॉ. नीरज अग्रवाल और उनके पिता डॉ. डीसी अग्रवाल को नोटिस जारी किया गया।
प्रसिद्ध सर्जन के नाम पर खुद ही सर्जरी कर दी
10 अक्तूबर को संगम विहार निवासी मृतक असगर अली की पत्नी ने भी इस अस्पताल के खिलाफ शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि डॉ. नीरज अग्रवाल ने महिला को बताया कि उनके पति की सर्जरी प्रसिद्ध सर्जन डॉ. जसप्रीत सिंह करेंगे, लेकिन बाद में डॉ. महेंद्र सिंह आदि ने की।
अपने नाम से सर्जरी के फर्जी कागजात बनाए
जांच में पता चला कि सर्जरी के वक्त डॉ. जसप्रीत सिंह ऑपरेशन थियेटर में मौजूद नहीं थे, इसके बावजूद उन्होंने अपने नाम से असगर अली की सर्जरी करने के फर्जी कागजात बनाए।
घर से प्रतिबंधित दवाइयां और इंजेक्शन बरामद
डॉ. नीरज अग्रवाल के घर की जांच में पुलिस को डॉक्टरों द्वारा हस्ताक्षरित 414 प्रिस्क्रिप्शन स्लिप, कई प्रतिबंधित दवाइयां और इंजेक्शन, सर्जिकल ब्लेड्स, 47 चेकबुक, 54 एटीएम कार्ड, पोस्ट ऑफिस की कई पासबुक और छह पीओएस टर्मिनल क्रेडिट कार्ड मशीन इत्यादि बरामद हुआ है।