उदयनिधि के बाद अब ए. राजा के बिगड़े बोल… कहा- सनातन तो HIV और कुष्ठ रोग जैसा, अमित शाह को किया ये चैलेंज…
इम्पैक्ट डेस्क.
सनातन धर्म को लेकर तमिलनाडु के सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि के बयान पर विवाद थमा नहीं है। इस बीच उनकी ही पार्टी डीएमके के एक अन्य नेता ए. राजा ने भी सनातन के खिलाफ बिगड़े बोल सामने आए हैं। ए. राजा ने उदयनिधि के बयान का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने तो सनातन के खिलाफ फिर भी नरमी दिखाई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सनातन की तुलना तो एचआईवी एड्स और कुष्ठ जैसी बीमारियों से होनी चाहिए। उनके इस बयान पर बवाल मचना तय है। बता दें कि विपक्षी INDIA गठबंधन का DMK हिस्सा है और उसकी सभी मीटिंगों में एमके स्टालिन शामिल हुए हैं।
डीएमके की स्थापना एम. करुणानिधि ने की थी और वह नास्तिक थे। उनकी परंपरा का ही पालन करते हुए एमके स्टालिन और उनका परिवार भी नास्तिक होने का दावा करता है। लेकिन अब सनातन धर्म पर इस तरह के हमले ने बहस तेज कर दी है। भाजपा इस मसले पर आक्रामक है और देश भर में इस पर हल्ला बोल कर सकती है। खुद पीएम मोदी ने ही बुधवार को कैबिनेट मीटिंग में मंत्रियों से कहा कि वह सनातन धर्म के मुद्दे पर ठोस तर्कों के साथ जवाब दें। उन्होंने कहा कि यह मसला ऐसा है, जिस पर खुलकर बोलना होगा। बस इतना ध्यान रहे कि संविधान के दायरे में रहते हुए ठोस तर्कों और तथ्यों के साथ बात की जाए।
एक तरफ भाजपा के आक्रामक रुख और दूसरी तरफ उदयनिधि और उनकी पार्टी का अपने बयान पर डटे रहना चुनौती बढ़ा रहा है। माना जा रहा है कि इससे INDIA गठबंधन को पीएम नरेंद्र मोदी सनातन के मुद्दे पर घेर सकते हैं। देश भर में करीब 100 करोड़ हिंदुओं की आबादी देखते हुए चुनाव में ध्रुवीकरण की कोशिश भी हो सकती है। यदि ऐसा कुछ होता है तो भाजपा को ही फायदा होगा। गौरतलब है कि वह india गठबंधन पर इसे लेकर हमला बोल रही है। आरजेडी, AAP और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने उदयनिधि के बयान का समर्थन किया है। इससे भाजपा के निशाने पर पूरा गठबंधन की आ गया है।
एक कार्यक्रम में पुदुचेरी में बोलते हुए ए. राजा ने कहा, ‘अमित शाह होम मिनिस्टर इसलिए बने क्योंकि हमने सनातन धर्म को खत्म किया। टी. साई सौंदर्यराजन भी इसीलिए गवर्नर बने। अन्नामलाई आईपीएस भी इसी वजह से बने क्योंकि हमने सनातन को खत्म किया।’ ए. राजा ने सनातन धर्म को लेकर दिए अपने बयानों पर अमित शाह को बहस की भी चुनौती दी। उन्होंने कहा कि यदि वह चाहें तो दिल्ली में ही किसी भी जगह पर खुले में बहस कर सकते हैं। एक लाख लोगों को बुलाकर बहस करें। जनता तय करेगी कि कौन सही है।