कोरोना को लेकर जागरूक हैं अबूझमाढ़ के वाशिंदे… प्राकृतिक संसाधनों से कर रहे बचने के उपाय…
- राजेन्द्र बाजपेयी. जगदलपुर।
अबूझमाड से लगे गांवों के ग्रामीण जिन्हें निरक्षर कहा जाता है उनमें जब कोरोना को लेकर इतनी जागरूकता प्रेरणादायी है।
देखा जा रहा है कि बस्तर के ग्रामीणों में कोरोना वायरस को लेकर जितनी जागरूकता है शहरी इलाके के लोगों में उतनी नहीं दिखती। बाहर निकलने की मनाही और घर में रहने के नियमों का पालन वे बड़ी मुस्तैदी से कर रहे हैं ।
मास्क की अनुपलब्धता भी उनके लिए कोई समस्या नहीं और न चिंता का सबब है। इसका इंतजाम वे प्राकृतिक संसाधनों से कर रहे हैं। साल और अन्य पेड़ों के पत्तों से मास्क बनाकर पहन रहे और उपयोग के बाद जलाकर हर दिन नया मास्क तैयार कर लेते हैं।
इन्हें मालूम है कि सरकार का कर्फ्यू उनके लिए केयर फ़ॉर यू है। रोजाना इलाके के लोगों को करते हैं कोरोना वायरस को लेकर जागरूक।
क्योंकि ये अच्छी तरह जानते हैं कि उनके बीच यदि कोरोना का संक्रमण फैला तो वह महामारी बन जायेगा। इलाके की दुरूहता की वजह से चिकित्सा सुविधाओं की कमी उनकी जान पर बन जाएगी।