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शहबाज शरीफ बने पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री… इमरान खान पर कसा तंज- बातों से तब्दीली नहीं आती…

इंपैक्ट डेस्क.

नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री निर्वाचित हो गए हैं। उन्हें 342 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में कुल 174 सांसदों का समर्थन हासिल था। वह इमरान खान की जगह लेंगे। पीएम निर्वाचित होने के बाद शहबाज शरीफ ने कहा कि अल्लाह ने पाकिस्तान को बचा लिया है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से यह झूठ बोला जा रहा था कि अविश्वास प्रस्ताव साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह एक झूठ था, जो पूरी कौम से लगातार बोला जा रहा था। उन्होंने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देता हूं कि उसने संविधान की रक्षा की और देश में कानून का राज स्थापित करने में मदद की।

शहबाज शरीफ ने कहा कि यह लगातार झूठ बोला गया कि 7 मार्च को विदेश से खत आया था और उसके बाद अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। लेकिन हम बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला काफी पहले ही लिया जा चुका था। शहबाज शरीफ ने इस मौके पर अपने बड़े भाई और पूर्व नवाज शरीफ को भी याद किया। उन्होंने कहा कि मियां नवाज शरीफ ने मुझे लगातार गाइड किया। शहबाज शरीफ के चुनाव से पहले इमरान खान ने नेशनल असेंबली से ही इस्तीफा देते हुए सड़कों पर लड़ाई का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं नेशनल असेंबली में चोरों के साथ नहीं बैठ सकता।

इमरान पर जमकर बरसे, पुरानी सरकार ने हम पर जुल्म किए

शहबाज शरीफ ने कहा कि हम लोगों के ऊपर पिछली सरकार ने जुल्म और ज्यादती की। हम लोगों के ऊपर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए, यह काम उस व्यक्ति की नाक के नीचे हुआ, जो कहता था कि मैं नया पाकिस्तान बनाऊंगा। शरीफ ने कहा कि हम सभी के लिए काम करेंगे। न ही कोई गद्दार है और न ही कोई गद्दार था। यदि हमें देश के लोकतंत्र को मजबूत करना है तो फिर डेडलॉक नहीं बल्कि डायलॉग करना होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की तब्दीली बातों से नहीं आती। यदि बातों से बदलाव आना होता तो फिर 4 सालों में तब्दीली हो जाती। खुदा जाने कैसी तब्दीली आई है कि हर चीज बर्बाद हो गई।

पाकिस्तान की कश्ती को दरिया के पार ले जाएंगे’

पाकिस्तान के नए पीएम बने शहबाज शरीफ ने कहा कि हमारे देश की स्थिति गंभीर हालत में है। हमें उम्मीद है कि तमाम प्रयासों के जरिए हम देश में सुधार कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमें खून-पसीना बहाकर पाकिस्तान को आगे ले जाना होगा। यदि हमें मुल्क की डूबती हुई कश्ती को बचाना है और दरिया के पार लगाना है तो फिर मेहनत के अलावा कोई नुस्खा नहीं हो सकता।