TIME TABLE : CBSE Exams 2020 Dates: 15 फरवरी से शुरू होंगी सीबीएसई 10वीं-12वीं की परीक्षाएं
- न्यूज डेस्क. एजेंसी।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं-12वीं की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू होंगी। बोर्ड जल्द ही टाइम टेबल जारी करेगा। बोर्ड के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि 15 फरवरी से व्यावसायिक विषयों की परीक्षा होगी। मुख्य विषयों की परीक्षाएं फरवरी अंत या मार्च पहले सप्ताह से शुरू होगी। एक महीने में परीक्षा करा लेंगे और एक महीने में ही परिणाम घोषित होगा। इस प्रकार से अप्रैल अंत तक बोर्ड परीक्षा के परिणाम घोषित हो जाएंगे।
CBSE date sheet 2020: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से होंगी। पहले दिन दोनों कक्षाओं के परीक्षार्थियों के लिए वोकेशनल विषय की परीक्षाएं होंगी।
CBSE की तरफ से जारी परीक्षा कार्यक्रम के तहत दोनों कक्षाओं के बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए सुबह 10:30 से 1: 30 बजे तक परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। हालांकि, इससे पूर्व 10 बजे से 10:15 के बीच उत्तर पुस्तिकाओं का वितरण किया जाएगा जबकि 10: 15 से 10:30 बजे के बीच प्रश्नपत्र वितरिक किए जाएंगे। परीक्षार्थियों को परीक्षा कक्ष में दस बजे से पहले पहुंचना होगा।
20 मार्च तक 10वीं की परीक्षाएं :
10वीं कक्षा की परीक्षाएं 20 मार्च तक आयोजित होंगी।
26 फरवरी को अंग्रेजी,
29 फरवरी को हिंदी,
4 मार्च को विज्ञान,
7 मार्च को संस्कृत,
12 मार्च को गणित,
18 मार्च को समाजिक विज्ञान और
20 मार्च इंफोर्मेशन कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी और कम्प्यूटर एप्लीकेश्न विषय की परीक्षा होगी।
30 मार्च तक 12वीं की परीक्षाएं
परीक्षा कार्यक्रम के तहत 30 मार्च को 12वीं के छात्रों की अंतिम परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। मुख्य विषयों में
22 फरवरी से मनोविज्ञान,
27 फरवरी को अंग्रेजी,
2 मार्च को भौतिक विज्ञान,
3 मार्च को इतिहास,
5 मार्च को अकाउंटेंसी,
6 मार्च को राजनीतिक विज्ञान,
7 मार्च को रसायन विज्ञान,
14 मार्च को जीव विज्ञान,
17 मार्च को गणित,
20 मार्च को हिंदी
23 मार्च को भूगोल,
30 मार्च को समाजशास्त्र की परीक्षा होगी।
इससे पहले महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर के वार्षिकोत्सव में हिस्सा लेने आए सीबीएसई के सचिव ने कहा कि पिछले सालों की तुलना में इस बार जल्दी परिणाम देने की तैयारी है। एक सवाल के जवाब में कहा कि नई शिक्षा नीति में सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में बदलाव का प्रस्ताव है। सारा जोर अनुभव आधारित शिक्षा को लेकर है। रोजगारपरक पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने की भी बात है। विदेशों में देखा जाता है कि स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद ही 60 प्रतिशत लोग रोजगार से जुड़ जाते हैं।