प्रगतिशील छत्तीसगढ़ का सपना लेने लगा है आकार : अजय…
मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट को युवा आयोग सदस्य ने बताया ऐतिहासिक…
इंपैक्ट डेस्क. बीजापुर।
कहा-बजट में सभी वर्गों का पूरा ख्याल रखा गया है, पुरानी पेंशन योजना पर मुहर होली से पहले कर्मचारियों को सौगात.
पुरानी पेंशन योजना पर मुहर लगने के बाद जहां कर्मचारियों में खुशी की लहर है, वही सरकार के चौथे बजट को राज्य युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह ने ऐतिहासिक बताते बजट को होली से पहले प्रदेशवासियों को सौगात कहा है। बजट में की गई घोषणाओं के लिए अजय ने मुख्यमंत्री भुपेश बघेल का आभार जताया है। उनका कहना है कि महिलाओं की समृद्धि,सुरक्षा, विकास और स्वालंबन के अवसरों के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। कांग्रेस की भूपेश सरकार ने चौथे बजट में जन अपेक्षाओं को पूरा करने पर फोकस किया है। पौनी-पसारी, पुजारी, बैगा, गुनिया, मांझी, बाजा, बोहैया जैसे परंपरागत व्यवसाय से जुड़े वर्ग को भी शामिल करना समावेशी विकास और सामाजिक न्याय का उदाहरण है। छत्तीसगढ़ में एपीएस के दंश से पीड़ित तकरीबन तीन लाख कर्मचारी एवं उनके परिवार का भविष्य को सुरक्षा कवच दिया गया है। शासकीय सेवक एवं उनके परिवार के हित में छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना को लागु करने का निर्णय ना सिर्फ स्वागतयोग्य है बल्कि ऐतिहासिक भी है। अजय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य बने 21 साल से अधिक हो गए। अब प्रदेश की आकांक्षाएं कुलांचे मार रही है। इस साल वार्षिक बजट का आकार एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का होगा, लेकिन इसकी कहानी शुरू हुई थी 5 हजार 700 करोड़ रुपए की मामूली राशि से, 2001 में इतनी राशि का पहला बजट आया था। भाजपा सरकार में वित्तीय अनुशासन की धज्जियां उड़ाकर बजट का आकार बढ़ता गया, पूर्ववर्ती सरकार का पूरा ध्यान इमारतें बनाने पर था, अब जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, राज्य नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। पुरखो ने जिस विकसित छत्तीसगढ़ का सपना देखा था, अपेक्षाओं पर सरकार खड़ी उतर रही है। छत्तीसगढ़ में 2001 में 5 हजार 700 करोड़ रुपए का पहला बजट आया था, इस बार करीब 20 गुना ज्यादा। राज्य के संवेदनशील मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करते हुए एनपीएस के स्थान पर फिर से पुरानी पेंशन योजना को लागु करने की घोषणा की है। कांग्रेस की भूपेश सरकार का बजट समावेशी विकास, सामाजिक न्याय और आमजन की समृद्धि वाला बजट है। मुख्यमंत्री ने बतौर वित्तमंत्री बुधवार को विधानसभा में चौथे बजट पेश किया। बजट में सभी वर्गों का पूरा ख्याल रखा गया है । महिलाओं की समृद्धि, सुराजी ग्राम योजना, युवाओं के लिए रोजगार मिशन, कृषि और बागवानी को बढ़ावा देने के साथ ही उद्योग और सेवा क्षेत्र में कई अहम् निर्णय लिए गए है। भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए देश की इकलौती योजना की राशि 6000 से बढ़ाकर 7000 रुपए प्रति वर्ष किया जाना और उसमें पौनी-पसारी, पुजारी, बैगा-गुनिया, मांझी, बाजा बोहैया जैसे परंपरागत व्यवसाय से जुड़े वर्ग को भी शामिल करना समावेशी विकास और सामाजिक न्याय का उदाहरण है। अजय ने कहा है कि कर्मचारियों की बहुप्रतिक्षित पुरानी पेंशन योजना की बहाली करके मुख्यंत्री ने प्रमाणित किया है कि सरकारी योजना के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाने वाले राज्य के कर्मचारियों के प्रति सरकार पूरी तरह संवेदनशील है। सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के लिए नए आवास निर्माण के साथ ही बजट में नए पदों का सृजन भी किया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में 50 से 70 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि की गई है। विधायक निधि दो करोड़ से बढ़ाकर सीधे चार करोड़, रोजगार मिशन के लिए दो हजार करोड़ का प्रावधान, शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में वृद्धि के साथ ही कौशल विकास में नवाचार का संकल्प इस बजट को ऐतिहासिक साबित करता है।