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105 वर्ष में मोदी आएगा पेंशन देने, आज गाली खाएगा? अग्निपथ पर विपक्षी दलों को पीएम ने चुन-चुनकर सुनाया

 द्रास

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कारगिल विजय दिवस पर द्रास से वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी। मोदी अग्निवीर योजना पर लगातार झेल रहे विरोध पर भी आज खुलकर जवाब दिया। पहले की सरकारों पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना, युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाए रखना है। दुर्भाग्य से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील विषय को राजनीति का विषय बना दिया है। कुछ लोग सेना के इस रिफॉर्म पर भी अपने निजी स्वार्थ में राजनीति कर रहे हैं। मोदी ने कड़े शब्दों में कहा कि मेरे लिए देश सर्पोपरि है। ये वही लोग हैं जिन्होंने सेनाओं में हजारों करोड़ के घोटाले करके हमारी सेनाओं को कमजोर किया है।

अग्निपथ योजना पर विपक्ष को मोदी का जवाब
पीएम मोदी ने अग्निपथ स्कीम पर कहा कि अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना, युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाए रखना है। दुर्भाग्य से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील विषय को राजनीति का विषय बना दिया है, कुछ लोग सेना के इस रिफॉर्म पर भी अपने निजी स्वार्थ में राजनीति कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जिन्होंने सेनाओं में हजारों करोड़ के घोटाले करके हमारी सेनाओं को कमजोर किया, ये वही लोग हैं जो चाहते थे कि एयरफोर्स को कभी आधुनिक फाइटर जेट न मिल पाए, ये वही लोग है जिन्होंने तेज फाइटर प्लेन को भी डिब्बे में बंद करने की कोशिश की थी।

विपक्ष क्या तर्क दे रहा है?
पीएम ने आगे कहा कि सच्चाई ये है कि अग्निपथ योजना से देश का सामर्थ बढ़ेगा, देश का सामर्थवान युवा भी मातृभूमि की सेवा के लिए आगे आएगा। अग्निवीरों को प्राथमिकाताएं के लिए प्राइवेट सेक्टर भी सामने आया है, कुछ लोगों की सोच को क्या हुआ है, ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन के पैसे बचान के लिए ये योजना लेकर आई है। मैं जरा ऐसे लोगों की सोच से भ्रम आती है, जरा कोई मुझे बताए आज मोदी के शासनकाल में जो भर्ती होगा क्या आज ही उनको पेंशन देना है क्या उनको पेंशन देना तो 30 साल बाद आएगी, मोदी उस समय 105 साल का होगा उसके लिए मोदी आज गाली खाएगा। क्या तर्क दे रहे हैं।

मेरे लिए देश सर्वोपरि है- मोदी
मोदी ने कारगिल से कहा कि डिफेंस में रिसर्च डिवलेपमेंट का 25 फीसदी प्राइवेट सेक्टर के लिए रखा गया है। भारत का डिफेंस प्रोडक्शन अब सवा लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका है। कभी भारत की पहचान हथियार मंगाने वालों में होता था। हमारी सेनाएं 5 हजार से ज्यादा हथियारों और सैन्य उपकरणों की लिस्ट बनाकर ये तय किया है कि अब ये 5 हजार आयटम बाहर से नहीं मंगवाए जाएंगे। इसके लिए सेना नेतृत्व को बधाई देता हूं। डिफेंस सेक्टर में रिफॉर्म के लिए भी भारत की आर्म्स फोर्सेस की सराहना करन चाहता हूं, हमारी सेनाओं ने बीते वर्षों में कई साहसिक निर्णय लिए हैं।

सेना द्वारा साहसिक निर्णय का कारण अग्निपथ स्कीम भी है। भारत के सैनिकों की औसत आयु ग्लोबल एवरेज से ज्यादा होना ये हम सबकी चिंता बढ़ाता रहा है। इसलिए ये विषय वर्षों तक अनेक कमेटियों में भी उठा है लेकिन देश की सुरक्षा से जुड़ी इस चुनौती के समाधान की पहले इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। शायद कुछ लोगों की मानसिकता भी ऐसी थी कि सेना मतलब नेताओं को सलाम करना परेड करना, हमारे लिए सेना मतलब 140 करोड़ लोगों की आस्था है, 140 करोड़ देशवासियों की शांति की गारंटी है, सेना मतलब देश की सीमाओं को सुरक्षा की गारंटी है। मोदी ने आगे कहा कि मेरे लिए देश सर्वोपरि है।

 

आज हमारी तीनों सेनाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं- पीएम मोदी
मोदी ने कारगिल के द्रास से कहा कि आज की वैश्विक परिस्थितियां पहले से अलग हैं, इसलिए हमारे सेना हथियारों और उपकरणों के साथ साथ कार्यशैली और व्यवस्थाओं में भी आधुनिक होना चाहिए। इसलिए देश दशकों से डिफेंस सेक्टर में बड़े रिफॉर्म की जरूरत थी, सेना भी ऐसी मांग कर रही थी लेकिन दुर्भाग्य से पहले इसे उतना महत्व नहीं दिया गया। बीते 10 सालों में हमने डिफेंस रिफॉर्म को रक्षा क्षेत्र की पहली प्राथमिकता बनाया। इन रिफॉर्म के कारण आज हमारी सेनाएं ज्यादा सक्षम हुई हैं। आत्मनिर्भर हो रही है।

नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे, पाक को कारगिल से मोदी की चेतावनी
मोदी ने 1999 के कारगिल वॉर को याद करते हुए कहा कि कारगिल में हमने केवल युद्ध नहीं जीता था, हमने सत्य, संयम और सामर्थ्य का अद्भुत परिचय दिया था। आप जानते हैं कि भारत उस समय शांति के लिए प्रयास कर रहा था। बदले में पाकिस्तान ने फिर एक बार अपना अविश्वासी चेहरा दिखाया। लेकिन सत्य के सामने असत्य और आतंक की हार हुई। साथियों पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी दुष्प्रयास किए उसे मुंह की खानी पड़ी। लेकिन पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है, वो आतंकवाद के सहारे प्रॉक्सी वॉर के सहारे अपने आपको प्रासंगिक बनाए रखने का प्रयास कर रहा है। लेकिन आज जब मैं उस जगह से बोल रहा हूं जहां आतंक के आकाओं को ये आवाज सीधे सुनाई पड़ रही है। मैं आतंकवाद के इन सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे।