जब कट रहे थे पेड़ तब रेंजर-बीट गार्ड क्या कर रहे थे? सागौन प्रकरण में वन विभाग की कार्यशैली भी संदेह के घेरे में…
युवा आयोग सदस्य अजय सिंह ने माफियाओं के साथ रेंजर बीट गार्ड के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उठाई मांग…
इंपैक्ट डेस्क.
बीजापुर। भोपालपटनम नगर क्षेत्र में तीन फर्नीचर व्यवसायियों के ठीकानों से बरामद लाखो रूपए कीमत की बेशकीमती सागौन चिरान का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। राज्य युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह ने सागौन पेड़ों की अवैध कटाई और तस्करी में परिक्षेत्र के परिक्षेत्र अधिकारी और बीट गार्ड की भूमिका को संदेहास्पद बताते इनके विरूद्ध निष्पक्ष जांच की मांग की है। वही लकड़ियों की अवैध तस्करी में शामिल लोगों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है।
जारी बयान में अजय का कहना है कि बेशकीमती सागौन चिरानों की जप्ती की कार्रवाई के लिए वे डीएफओ अशोक पटेल को धन्यवाद देते हैं, उनकी डीएफओ से मांग है कि कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए संबंधित फर्नीचर कारोबारियों के लाइसेंस को निरस्त करते हुए उन्हें सलाखों के पीछे पहुँचाया जाए, वही अधीनस्थ स्टॉफ पर भी कठोर कार्रवाई करें। अधीनस्थों पर कार्रवाई जरूरी है। जब लकड़ियों इतना बड़ा जखीरा विभाग के हाथ आया तो सवाल उठना लाजिमी है कि इलाके में इतनी बड़ी तादात में जब पेड़ों को काटा जा रहा था तब विभाग के रेंजर-बीट गार्ड क्या कर रहे थे? साफ जाहिर होता है कि तस्करों के साथ इनके भी प्रगाढ़ संबंध थे, और इन्हीं की शह पर तस्कर बेखौफ सागौन के पेड़ काटते रहे।
इधर डीएफओ अशोक पटेल का कहना है कि जप्ती की कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी है। लगभग 35 घन मीटर सागौन चिरान बरामद हुए है। मामले में तीनों फर्नीचर व्यवसायियों के विरूद्ध वन अधिनियम के तहत् कार्रवाई होगी। पूरे मामले में विभागीय लापरवाही भी दृष्टिगोचर है, लिहाजा संबंधित स्टॉफ को स्पष्टीकरण नोटिस जारी करते हुए जबाव तलब किया जाएगा।