वास्तु के अनुसार शयनकक्ष में क्या रखें क्या नहीं
शयन कक्ष एक ऐसा स्थान है जहां हम दिनभर की थकान मिटाकर शांति और सुकून प्राप्त करते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, शयन कक्ष में रखी वस्तुओं का हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए, सही वस्तुओं का चयन और सही दिशा में उनका स्थान महत्वपूर्ण होता है। आइए जानते हैं कि शयन कक्ष में क्या रखें और क्या न रखें जिससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे।
शयन कक्ष में क्या रखें
बिस्तर की दिशा
शयन कक्ष में बिस्तर को दक्षिण या पश्चिम दीवार के सहारे रखना शुभ माना जाता है। सोते समय आपका सिर दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। यह दिशा स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए उत्तम मानी जाती है।
सॉफ्ट लाइटिंग
शयन कक्ष में हल्की और मृदु रोशनी का प्रयोग करना चाहिए। यह कमरे में शांत और सौम्य ऊर्जा का संचार करती है, जिससे नींद अच्छी आती है। तेज़ और चमकदार लाइट से बचना चाहिए क्योंकि यह तनाव और बेचैनी पैदा कर सकती है।
सकारात्मक चित्र
कमरे की दीवारों पर सकारात्मक ऊर्जा देने वाले चित्र लगाने चाहिए। जैसे प्राकृतिक दृश्य, फूल, खुशहाल परिवार के चित्र, या राधा-कृष्ण की तस्वीरें, ये कमरे में शुभता और शांति का माहौल बनाए रखते हैं।
वृक्ष और पौधे
शयन कक्ष में छोटे इनडोर पौधे जैसे स्नेक प्लांट या लैवेंडर रखना शुभ होता है। ये पौधे हवा को शुद्ध करते हैं और सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखते हैं। ध्यान रखें कि कांटेदार पौधे जैसे कैक्टस आदि कमरे में न रखें।
साफ-सुथरा वातावरण
शयन कक्ष को हमेशा साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखना चाहिए। अव्यवस्थित कमरा नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है और मन पर बोझ डालता है। साथ ही, हर दिन कमरे को हवादार करना चाहिए ताकि ताज़ी हवा का प्रवाह बना रहे।
शयन कक्ष में क्या न रखें
दर्पण का गलत स्थान
वास्तु के अनुसार शयन कक्ष में दर्पण को बिस्तर के सामने नहीं लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सोते समय दर्पण में अपनी छवि दिखने से तनाव और अनिद्रा हो सकती है। अगर दर्पण लगाना आवश्यक हो, तो उसे ढक कर रखें।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
शयन कक्ष में टीवी, मोबाइल, लैपटॉप आदि का उपयोग नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। ये उपकरण इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन उत्पन्न करते हैं, जो हमारी नींद को प्रभावित करते हैं। इन्हें कमरे से बाहर रखना या कम से कम उपयोग करना चाहिए।
तीखी या नकारात्मक कलाकृतियां
शयन कक्ष में युद्ध, हिंसा या उदासी दर्शाने वाली तस्वीरें या कलाकृतियां नहीं होनी चाहिए। ये मानसिक शांति में बाधा डालती हैं और नकारात्मक भावनाओं को प्रेरित करती हैं। इसके बजाय सौम्य और सुखदायक चित्र लगाएं।
पानी की तस्वीरें या फव्वारे
शयन कक्ष में पानी से जुड़ी कोई तस्वीर या फव्वारा नहीं रखना चाहिए। पानी को वास्तु में अस्थिरता का प्रतीक माना जाता है, और इसे शयन कक्ष में रखने से मानसिक अस्थिरता हो सकती है।
भारी फर्नीचर और बिस्तर के नीचे सामान
बिस्तर के नीचे भारी सामान या अनावश्यक वस्तुएं रखने से कमरे की ऊर्जा बाधित होती है। बिस्तर के नीचे का स्थान खाली रखना चाहिए ताकि ऊर्जा का प्रवाह सुचारू रूप से हो सके।