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आर्यन खान मामले के बाद वानखेड़े की मुसीबतें बढ़ीं… जाति प्रमाणपत्र-बार लाइसेंस समेत चार केसों में पहले ही आरोपी…

इम्पैक्ट डेस्क.

आर्यन खान के निर्दोष निकलने के बाद एनसीबी मुंबई के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वह खुद कई आरोपों से घिर हुए हैं। उन पर एनसीबी छापों में मनमानी, अपने जाति प्रमाण पत्र में गड़बड़ी के आरोप हैं और बार लाइसेंस को लेकर एफआईआर दर्ज हो चुकी है।

वानखेड़े ने मुंबई में फिल्म अभिनेताओं के खिलाफ तो एक तरह से जंग छेड़ रखी थी। मादक पदार्थों रखने व उनके सेवन को लेकर उन्होंने आर्यन खान समेत कई अभिनेता व अभिनेत्रियों पर शिकंजा कसा था। एक समय ऐसा लगने लगा था कि वे बॉलीवुड का नशे व ड्रग्स से मुक्त कर देंगे, लेकिन शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के निर्दोष होने के केस ने उनके लिए नए मुसीबत खड़ी कर दी है। वह पहले से ही कई आरोपों से घिरे हैं। जेल में बंद महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने उन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। 

एनसीबी ने मुंबई से गोवा जा रहे क्रूज पर ड्रग्स पार्टी के अक्तूबर 2021 के मामले में आर्यन खान को शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी है। इस जहाज पर मुंबई एनसीपी के तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक वानखेड़े के निर्देश पर ही छापा मारा गया था।हैरान करने वाली बात यह है कि अब ‘कोतवाल’ खुद कठघरे में है। आइये जानते हैं कि वानखेड़े किन आरोपों में घिरे हैं :  

वानखेड़े मुस्लिम हैं, फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया : मलिक
राकांपा नेता नवाब मलिक ने सबसे पहले आरोप लगाया था कि एनसीबी का छापा फर्जी है और यह फिल्म सुपर स्टार से पैसा ऐंठने का प्रयास है। उन्होंने यह भी कहा कि वानखेड़े मुस्लिम है और यूपीएससी की केंद्रीय भर्ती परीक्षा में आरक्षण का लाभ लेने के लिए उसने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया है। राकांपा मंत्री ने यह भी आरोप लगाया था कि वानखेड़े ने दो दशक पहले नवी मुंबई में एक बार व रेस्टॉरेंट का लाइसेंस धोखाधड़ीपूर्वक लिया था। 

जाति प्रमाण पत्र मामले में 8 जून को सुनवाई
मलिक की शिकायत पर मुंबई की जिला जाति प्रमाणपत्र सत्यापन समिति ने जांच कर रिपोर्ट पेश कर दी है। अब जिला छानबीन समिति ने 8 जून को वानखेड़े को तलब किया है। 

बार लाइसेंस में धांधली, निरस्त किया परमिट
इसी तरह बार लाइसेंस धांधली मामले में ठाणे के कलेक्टर महेश नार्वेकर ने वानखेड़े का अपात्र माना है। जांच में कहा गया है कि लाइसेंस के वक्त उनकी उम्र 17 साल थी। बार का परमिट 27 अक्तूबर 1997 को लिया गया था। महाराष्ट्र मद्य निषेध अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार बार लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। वानखेड़े के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि, वानखेड़े ने कलेक्टर की रिपोर्ट और एफआईआर को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मामला विचाराधीन है।