छत्तीसगढ़-गौरेला में पीएम आवास चार साल में हो गए जर्जर, कच्चे मकान में रहने लगे आदिवासी
गौरेला/पेंड्रा/मरवाही. गरीबों को पक्के आवास उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। ठेकेदारी प्रथा में बने पक्के आवास बनने के चार साल बाद ही पूरी तरह जर्जर हो गए हैं, बैगा आदिवासियों ने इन मकानों को छोड़ दिया है और अपने कच्चे मकान में रहना शुरू कर दिया है। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में आदिवासी विकास और बैगा विकास के नाम पर राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले विशेष जनजाति के लोगों के साथ सिर्फ गंदा मजाक ही देखने को
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