maya

Madhya Pradesh

सरकार की मदद लेकर मेहनत और लगन से आत्मनिर्भरता की मिसाल बनीं माया

भोपाल संघर्षों से तपकर जिंदादिली से खुद का वजूद बनाने की यह कहानी सागर जिले की है। रहली ब्लॉक के एक छोटे से गांव धनगुंवा की रहने वाली श्रीमती माया विश्वकर्मा संघर्ष, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की जीवन्त मिसाल बन गई हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति हमेशा कमजोर ही रही। माया और उनके पति दिहाड़ी पर मेहनत-मजदूरी से बमुश्किल अपनी रोजी-रोटी का इंतजाम करते थे। इन मुश्किल हालातों के बीच माया को सरकार की मदद मिली, जिससे उनके जीवन का पूरा परिदृश्य ही बदल गया। माया ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका

Read More