Child Pronography

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चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर आया ‘सुप्रीम’ फैसला, देखना, डाउनलोड करना भी दंडनीय अपराध

नई दिल्ली सबसे पहले आपको बता दें कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी मतलब 18 साल से कम उम्र वाले नाबालिगों को सेक्शुअल एक्टिविटी में दिखाना. उनकी न्यूड कॉन्टेंट को इलेक्ट्रॉनिक या किसी भी और फॉर्मेट में पब्लिश करना, दूसरों को भेजना अपराध माना जाता है. इस मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है. भारत में तेजी से बढ़ रहा है पोर्न वीडियो का बाजार 2026 तक मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वालों की संख्या 120 करोड़ होने की उम्मीद है. भारतीय औसतन एक बार में पोर्न वेबसाइट पर 8 मिनट 39

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