भोपाल गैस पीड़ित महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे भी हुए इस खतरनाक गैस के शिकार हुए : डॉ. डीके सत्पथी
भोपाल भोपाल गैस त्रासदी को 40 साल हो गए, लेकिन इसका असर अब भी लोगों और उनकी अगली पीढ़ियों पर महसूस किया जा रहा है। दो और तीन दिसंबर 1984 की रात यूनियन कार्बाइड के कारखाने से जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस लीक होने से 3787 लोगों की जान गई और पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के फारेंसिक विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. डीके सत्पथी का दावा है कि त्रासदी की रात से अगले पांच सालों में 18 हजार प्रभावितों की जान गई
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